देहरादून, उत्तराखंड में 1724 उद्योगों की एनओसी रद्द करने वाले उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबी) के सदस्य सचिव आईएफएस एसपी सुबुद्धि को शासन ने पद से हटा दिया है। उनके स्थान पर मुख्य वन संरक्षक सुशांत पटनायक को बोर्ड में सदस्य सचिव के तौर पर अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। विभाग के सचिव विजय कुमार यादव ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाल ही में हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्लास्टिक पैकेजिंग से जुड़े छोटे-बड़े 1724 उद्योगों की एनओसी रद्द करने का आदेश जारी किया था। बोर्ड की इस कार्रवाई से लाखों कामगारों के सिर पर बेरोजगारी की तलवार लटक गई है। इससे उद्योगों और कामगारों में हड़कंप की स्थिति थी। उद्योगपति और कामगार संगठन लगातार सरकार पर राहत के लिए दबाव बना रहे हैं। अब सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि को पद से हटा दिया है।
हालांकि विभाग के सचिव विजय कुमार यादव का कहना है कि सुबुद्धि को इस पद पर चार साल से अधिक का समय हो गया था। उनको इस पद से हटाने के लिए उच्चस्तर पर फाइल अनुमोदन के लिए भेजी गई थी। अनुमोदन मिलने के बाद उन्हें हटाया गया है। सुबुद्धि वन विभाग में अपर प्रमुख वन संरक्षक हैं। अगले आदेश तक मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक को इस पद का प्रभार दिया गया है। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नवनियुक्त सदस्य सचिव सुशांत पटनायक ने कहा कि शासन के आदेश के बाद उन्होंने चार्ज ले लिया है। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता होगी कि प्लास्टिक को नियंत्रित करने के केंद्र व राज्य सरकार के निर्देशों पर कार्रवाई की जाए। इस दिशा में भी काम किया जाएगा कि प्रदेश में ज्यादा उद्योग कैसे आएं और बोर्ड उनकी किस तरह से सहायता कर सकता है। उन्होंने बताया कि उद्योगों को नोटिस के मसले पर फाइलों के अध्ययन के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।