आईआईटी रूड़की को लगातार तीसरे साल ‘मोस्ट इनोवेटिव इंस्टीट्यूट ऑफ द ईयर’ पुरस्कार मिला

रूड़की, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रूड़की (आईआईटी रूड़की) ने लगातार तीसरे साल प्रतिष्ठित कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) इंडस्ट्रियल इनोवेशन अवॉर्ड्स 2022 के नौंवे संस्करण में इनोवेशन्स के तीनों स्तंभों- डिसरप्टिव इनोवेशन, इनोवेशन क्वंशंट और इनोवेशन रियलाइज़ेशन में शानदार परफोर्मेन्स दिया है। आईआईटी रूड़की को ‘ग्राण्ड अवॉर्ड फॉर मोस्ट इनोवेटिव इंस्टीट्यूट 2022’ का विजेता घोषित किया गया है। साथ ही आईआईटी रूड़की को एनर्जी स्टोरेज डिवाइसेज़, रेमेडिएशन, टेक्नोलॉजी एवं अन्य सेक्टरों में इनोवेशन के लिए ‘इनोवेशन क्वशंट’ कैटेगरी में भी विजेता घोषित किया गया। वर्चुअल पुरस्कार समारोह का आयोजन आज 3 दिसम्बर को सीआईआई अडवान्स्ड मटीरियल्स समिट 2022 के दौरान किया गया। आईआईटी मद्रास को मोस्ट इनोवेटिव इंस्टीट्यूट 2022 कैटेगरी में पहले रनर-अप का खिताब मिला।
विपिन सोंधी, चेयरमैन, सीआईआई नेशनल मिशन ऑन टेक्नोलॉजी, इनोवेशन एण्ड रीसर्च; डॉ एन कलाईसेल्वी, डीजी, सीएसआईआर एवं सचिव, डीएसआईआर; डॉ राम मशेलकर, पूर्व डीजी, सीएसआईआर एवं प्रोफेसर यगनास्वामि संुदरा राजन भी पुरस्कार समारोह में मौजूद थे।
हाल ही में आईआईटी रूड़की ने ऐसी तकनीकों का विकास किया है, जो न सिर्फ र्प्रभावी है बल्कि समाज पर भी सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करते हैं। संस्थान के निम्नलिखित इनोवेशन्स के चलते आईआईटी रूड़की को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। थर्माेप्लास्टिक स्टार्च का उपयोग करते हुए बायोडीग्रेडेबल लो-डेंसिटी पॉलिएथीलीन का निर्माणजिससे पॉलीबैग्स को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकेगा और इस गंभीर समस्या का समाधान होगा। धरती में पर्याप्ता मात्रा में मौजूद सामग्री से बने सोडियम-आयन सैल का उपयोग कर उच्च परफोर्मेन्स वाली बैटरी बनाना, जो कम लागत पर चलती है, तेज़ी से चार्ज होती है। सुरक्षित है और आग से भी सुरक्षित रहती है। कम लागत की रीसायक्लिंग प्रक्रिया के द्वारा पॉलीथीन के बेकार पैकेट्स को पेवर ब्लॉक्स एवं वॉल टाईलों में बदलना। इस अवसर पर सीआईआई ने एक कम्पेंडियम का लॉन्च भी किया, जिसमें आईआईटी रूड़की के उपरोक्त इनोवेशन्स का उल्लेख किया गया, साथ ही 2022 के लिए अन्य अग्रणी इनोवेटिव संगठनों के इनोवेशन्स पर भी रोशनी डाली गई।
आईआईटी रूड़की अनुसंधान के लिए उचित बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराकर अनुकूल वातावरण पेश करता है। इसके लिए इनोवेशन एवं इन्क्यूबेशन पोर्टफोलियो को सशक्त बनाया गया है, संस्थान आधुनिक अनुसंधान के लिए सुपरिभाषित, प्रत्यास्थ माहौल पेश करता है। हाल ही में संस्थान ने डोमेन के अनुसार अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए बहु-आयामी वर्चुअल रीसर्च सेंटरों की शुरूआत की पहल भी की थी। संस्थान द्वारा उद्योग एवं अकादमिक जगत के बीच साझेदारियों को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें की गई हैं जैसे टेक सारथी योजना, स्टार्ट-अप एक्सपो, टेक्नोलॉजी कार्निवाल आदि। संस्थान अन्तर्राष्ट्रीय साझेदारियों, तकनीक के स्थानान्तरण आदि पर भी ध्यान केन्द्रित करता है। इसके अलावा, आईआईटी रूड़की टाइड्स (टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन एण्ड एंटरेप्रेन्योरशिप डेवलपमेन्ट सोसाइटी) और आई-हब दिव्यसंपर्क के द्वारा 130 से अधिक स्टार्ट-अप्स को समर्थन भी देता है। दोनों युनिट्स आधुनिक तकनीकों के साथ इन्क्यूबेशन को बढ़ावा देती हैं तथा भौतिक, टेकनिकल, वित्तीय एवं नेटवर्किंग सहयोग एवं सेवाओं को भी सहयोग प्रदान करती हैं। लगातार तीसरी बार इस सम्मान के लिए सीआईआई को धन्यवाद देते हुए प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी, डीन (स्पॉन्सर्ड रीसर्च एण्ड इंडस्ट्रियल कन्सलटेन्सी), आईआईटी रूड़की ने कहा, ‘‘आईआईटी रूड़की के लिए यह यह सम्मान हासिल करना बड़े गर्व की बात है। हमारे फैकल्टी सदस्यों, छात्रों एवं स्टाफ द्वारा इनोवेशन की दिशा में किए गए असाधारण प्रयासों के चलते हमें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आईआईटी रूड़की आने वाले समय में भी इस तरह क प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराता रहेगा।’

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