आयुर्वेद गौरव डा. मायाराम उनियाल द्वारा लिखित देवलोक हिमालय के हिमाद्री बुग्यालों में चरक एवं सुश्रुतोक्त दिव्यौषधियाँ नामक ग्रंथ का विमोचन पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री नैथानी ने कहा कि डा. मायाराम उनियाल ने मानव जगत के कल्याण के लिए इस अगाध ग्रंथ की रचना की।
इस ग्रंथ में जड़ी बूटियों का पूरा वर्णन किया गया है। हमारे ऋषि-मुनियों ने जिन जड़ी बूटियों के बारे में लिखा था उस पर डा. मायाराम उनियाल ने पूरे हिमालय में भ्रमण करके शोध किया जिसको एक संकलन के रूप में आज जनता के सम्मुख प्रस्तुत किया है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन की रक्षा के लिए पूरे विश्व में वैद्य जी द्वारा लिखे गए शोध ग्रंथों से मानव का कल्याण होगा। वैद्य डा. मायाराम उनियाल ने कहा कि हमारे ऋषियों ने हिमालय के पुण्य कर्म के लिए और दुखियों के दुख दूर करने के लिए हिमालय की गोद में बैठकर आयुर्वेद के द्वारा रोगों को दूर करने के लिए चिंतन किया। इस ग्रंथ का निर्माण भी इसी भावना के साथ किया गया है। द्रव्यगुण, चरक त्रिलोक सिद्धांत, पदार्थ विज्ञान, काय चिकित्सा आदि विषयों पर रोगों के निवारण के लिए अनेकों संहिता की रचना की गई थी। इस रचना में इन सभी चीजों का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक जिन जड़ी बूटियों की पहचान नहीं हो सकी थी उनकी पहचान के लिए मैंने हिमालयी क्षेत्रों में जाकर वानस्पतिक अध्धयन, गुण धर्म एवं वहां के स्थानीय लोगों के सहयोग से इन दिव्योषधियों की नवीन खोज कर इस रचना में समावेश किया ताकि भविष्य में भी इन औषधियों पर आयुर्वेद विश्वविद्यालय शोध करेंगे। इस अवसर पर रोशनी देवी, कविता मैठाणी, कैलाशपति मैठाणी, उत्सव, आलोकपति, उन्नति आदि उपस्थित रहे।