राष्ट्रपति ट्रंप का रुख़ चीन के प्रति लगातार सख़्त होता जा रहा है.
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ”अब हॉन्ग कॉन्ग के साथ अमरीका ऐसा ही व्यवहार करेगा जैसा चीन के साथ करता है.”
राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि उन्होंने हॉन्ग कॉन्ग में अधिकारों का उल्लंघन करने वाले चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी नया अध्यादेश पारित किया है.
चीन के हॉन्ग कॉन्ग में नया सुरक्षा क़ानून लागू करने के बाद अमरीका विशेष दर्जे को ख़त्म कर रहा है.
मंगलवार की प्रेस वार्ता में ट्रंप ने कहा, ”कोई विशेष दर्जा नहीं, कोई विशेष आर्थिक छूट नहीं और संवेदनशील तकनीक का कोई कारोबार नहीं.’
ब्रितानी उपनिवेश रहे हॉन्ग कॉन्ग को चीन में विशेष दर्जा और कुछ ऐसे अधिकार प्राप्त हैं जो मुख्य चीन के लोगों के पास नहीं हैं.
लेकिन हाल के सालों में चीन हॉन्ग कॉन्ग के प्रति सख़्त हुआ है. कुछ दिन पहले लागू किए गए नए सुरक्षा क़ानून को बहुत से हॉन्ग कॉन्ग वासी इस स्वायत्त क्षेत्र के विशेष दर्जा समाप्त होने के तौर पर देख रहे हैं.
ब्रिटेन ने हॉन्ग कॉन्ग को चीन को साल 1989 में सौंपा था. तब हुए समझौते के तहत हॉन्ग कॉन्ग को विशेष दर्जा दिया गया था. लेकिन नया सुरक्षा क़ानून, जिसके तहत चीन की आलोचना अपराध है, के लागू होने के बाद से हॉन्ग कॉन्ग में बहुत कुछ बदल गया है.
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत करने की कोई योजना नहीं है
हॉन्ग कॉन्ग के उत्पादों पर अमरीका में कम टैक्स लगता था. अब ये ख़त्म हो सकता है जिससे अमरीका और हॉन्ग कॉन्ग के बीच होने वाला अरबों डॉलर का व्यापार प्रभावित हो सकता है.
विश्लेषकों का मानना है कि एक वैश्विक वित्तीय हब के तौर पर हॉन्ग कॉन्ग की पहचान धीरे-धीरे मिट सकती है. चीन के लिए ये अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाज़ारों का दरवाज़ा भी है. अब ये बंद हो सकता है.