सरकारी डिग्री कालेजों और राज्य विश्वविद्यालयों को संवारने, कालेजों को उनका भवन मुहैया कराने की राज्य सरकार की मुहिम को चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में बड़ी कामयाबी मिली है। वहीं इस मुहिम को अंजाम देने में उच्च शिक्षा विभाग ने भी मिसाल कायम कर दी। सिर्फ निर्माण कार्यों के लिए ही चालू वित्तीय वर्ष में विभाग ने करीब 58 करोड़ की धनराशि जारी की है। इससे पहले हर वर्ष यह आवंटन महज 12 से 15 करोड़ तक सिमटा हुआ था।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भवनों से वंचित सरकारी डिग्री कालेजों को भवन मुहैया कराने और अन्य संसाधनों से सरसब्ज करने का संकल्प जताया था। दरअसल राज्य में सरकारी डिग्री कालेजों की संख्या 105 हो चुकी है। इनमें से बड़ी संख्या में कालेजों के पास अपने भवन तक नहीं थे। इससे सरकार और कालेजों, दोनों को ही मुश्किलें पेश आ रही हैं। बगैर भवनों के संचालित कालेजों को यूजीसी से मिलने वाले अनुदान नहीं मिल पा रहे हैं। अनुदान पाने के लिए कालेजों को नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य है।