कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा रिसर्च शुरू

कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा रिसर्च शुरू हो चुका है. अमेरिका एक साथ 30,000 लोगों पर वैक्सीन का एक्सपेरीमेंट कर रहा है. सभी वॉलंटियर्स को  Moderna Inc की बनाई वैक्सीन दी गई है. यह वैक्सीन उन चुनिंदा कैंडिडेट्स में से एक है जो कोराना से लड़ाई की रेस के आखिरी चरण में हैं.  इस स्टडी में वॉलंटियर्स को इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि उन्हें असली वैक्सीन दी गई है या इसका डमी वर्जन. दो डोज देने के बाद इनकी हेल्थ को मॉनिटर किया जाएगा. इसमें देखा जाएगा कि डेली रूटीन में आने के बाद किस ग्रुप ने ज्यादा इंफेक्शन को महसूस किया. खासतौर से उन इलाकों में जहां अभी भी वायरस तेजी से फैल रहा है. मॉडर्ना ने बताया कि देश के चारों ओर फैले हुए सात दर्जन से ज्यादा परीक्षण स्थलों में से पहली बार जॉर्जिया के सवाना में वैक्सीन को टेस्ट किया गया था. यहां अच्छे परिणाम मिलने के बाद ही शोधकर्ताओं में वैक्सीन को लेकर उम्मीद बढ़ी थी. मॉडर्ना की इस वैक्सीन का नाम mRNA-1273 है हालांकि अभी तक इसकी कोई गारंटी नहीं दी जा सकती कि मॉडर्ना की वैक्सीन वायरस से इंसानों को बचा पाएगी अमेरिका के अलावा चीन और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी इस महीने की शुरुआत में ब्राजील समेत महामारी के कठिन दौर से गुजरने वाले देशों में फाइनल स्टेज की टेस्टिंग की थी. हालांकि अमेरिका को खुद वैक्सीन का टेस्ट करने की जरूरत है, जिसका इस्तेमाल देश में किया जा सके. इसके लिए अमेरिका ‘कोविड-19 प्रीवेंशन नेटवर्क’ को फंड करेगा, जिसके जरिए हर महीने 30,000 वॉलंटियर्स पर टेस्ट किया जा सके.इस शोध में ना सिर्फ वैक्सीन की क्षमता का आकलन किया जाएगा, बल्कि यह भी देखा जाएगा कि यह वैक्सीन कितनी सुरक्षित हैं. फाइजर आईएनसी भी 30,000 वॉलंटियर्स पर शोध करने का विचार कर रहा है.आखिर में वैज्ञानिक वैक्सीन के सभी शॉट्स की तुलना करेंगे. अब अगले महीने ऑक्सफोर्ड ह्यूमन ट्रायल के अगले चरण की टेस्टिंग करेगा. अगर सब सही चलता रहा तो  सितंबर में जॉनसन्स एंड जॉनसन्स और अक्टूबर में नोवावैक्स की स्टडी होगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *