भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद सोसायटी, देहारादून की 28वीं वार्षिक बैठक

देहरादून, भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त परिषद है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री आईसीएफआरई सोसायटी के अध्यक्ष हैं और महानिदेशक इसके मुख्य कार्यकारी हैं। केंद्रीय मंत्री, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, भारत सरकार की अध्यक्षता में सामान्य निकाय आईसीएफआरई का सर्वाेच्च प्राधिकरण है। इसके सदस्यों में विभिन्न राज्य सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों और वैज्ञानिक संगठनों के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल हैं। सोसायटी वर्ष में एक बार अपनी बैठक में समाज की घटक इकाइयों की प्रगति और प्रदर्शन की समीक्षा करती है और ऐसे नीति निर्देश देती है जो वह बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और इकाइयों और सोसायटी की संविधान इकाइयों को उचित समझे।
सोसाइटी के सदस्यों की जानकारी के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा तैयार गई सोसाइटी के कामकाज और इसकी घटक इकाइयों द्वारा किए गए सभी कार्यों पर एक वार्षिक रिपोर्ट और साथ में ऑडिट किए गए खातों और ऑडिटर की रिपोर्ट को सोसाइटी के सामने रखा गया। अपनी वार्षिक आम बैठक में सोसायटी के समक्ष समिति द्वारा रिपोर्ट को अपनाने के बाद, सदस्य सचिव रिपोर्ट को संसद के सदनों के पटल पर रखने के लिए भारत सरकार को अग्रेषित किया जाता है। तदनुसार, आईसीएफआरई की 28 वीं वार्षिक आम बैठक आज बोर्ड रूम में 9.30 बजे आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता भूपेंद्र यादव मंत्री, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, भारत सरकार ने की, जो भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं। भूपेंद्र यादव और अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत अरुण सिंह रावत, महानिदेशक, आईसीएफआरई और भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद सोसायटी के सदस्य सचिव ने किया। इसके बाद सी.पी. गोयल डीजीएफ और एसएस, एमओएफसीसी एवं अश्विनी कुमार चौबे, राज्य पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रलाय माननीय मंत्री ने भी सभा को संबोधित किया। तत्पश्चात मंत्री भूपेंद्र यादव ने सभा को संबोधित किया। इसके उपरांत ए.एस. रावत, महा निदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद ने परिषद की प्रमुख पहल और उपलब्धियों पर एक प्रस्तुति दी।
एजेंडा के अनुसार 27वीं वार्षिक आम बैठक के कार्यवृत की पुष्टि की गई। तत्पश्चात वर्ष 2020-21 के लिए आईसीएफआरई की वार्षिक रिपोर्ट एजीएम में वर्ष के वार्षिक लेखा परीक्षित खाते के साथ प्रस्तुत की गई थी। वर्ष 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट वर्ष के दौरान वानिकी, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार गतिविधियों का एक संक्षिप्त विवरण है। यह भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद संस्थानों द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं पर चर्चा करता है।  संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखने के लिए दोनों दस्तावेजों पर चर्चा की गई और फिर सोसायटी द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया। मंत्री ने ए.पी. सिंह, एफआरआई, देहरादून द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड में बटरफ्लाई-फॉरेस्ट टाइप एसोसिएशन का विमोचन किया। बैठक में सी.पी. गोयल, आईएफएस, डीजीएफ और एसएस और भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद के बीओजी के उपाध्यक्ष विभिन्न आईसीएफआरई संस्थानों के निदेशक, असम के एचओएफएफ, प्रधान प्रमुख वन संरक्षक, हरियाणा, अन्य वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी, आईसीएफआरई सोसाइटी के अन्य सम्मानित सदस्य एवं मंत्रलाय और  भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक के अंत में आर के डोगरा, उप महानिदेशक (प्रशासन), भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया।

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