बॉलीवुड एक्टर अध्ययन सुमन ने अपने बॉलीवुड करियर को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि किस तरह एक स्टार किड को भी बहुत कुछ इंडस्ट्री में झेलना पड़ता है। स्टार किड होते हुए काम न मिलना काफी डिप्रेसिंग होता है। अध्ययन सुमन कहते हैं कि कहीं न कहीं केवल एक स्टार या एक्टर को ही ब्लेम नहीं करना चाहिए। ऑडियंस भी इसमें शामिल होती है। सच यह है कि ऑडियंस भी नेपोटिज्म फैलाने वाले लोगों का सपोर्ट करती है। तभी तो ये लोग बड़े बनते हैं और माफिया गैंग चलाने लगते हैं।
अध्ययन आगे कहते हैं कि मैं खुद इस गैंग का कहीं न कहीं हिस्सा रहा हूं। हालांकि, मैं उस व्यक्ति का नाम नहीं लेना चाहता। हां, यह जरूर बताना चाहता हूं कि वह मेरे से मिला, अपना पर्सनल नंबर भी दिया। लेकिन मेरे फोन का उसने आज तक जवाब नहीं दिया। तो समझिए कि ऐसा नहीं होता कि आप आउटसाइडर हैं, इसलिए आपका फोन नहीं उठाया जाता।
मेरे पिता ने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ अचीव किया है। लेकिन उनके नाम से भी किसी ने मेरा फोन नहीं उठाया, मुझे काम नहीं दिया। मेरे पास नौ साल तक काम नहीं था और इन सालों में किसी ने मेरा फोन नहीं उठाया। 2011 से 2015 तक मैं डिप्रेशन से जूझ रहा था।