श्री बदरीश युवा पुरोहित संगठन ने चारधाम यात्रा को जुलाई से शुरू किये जाने का कड़ा विरोध किया है। संगठन ने सरकार से प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यात्रा को पूरी तरह स्थगित रखने की मांग की है।
श्री बदरीश युवा पुरोहित संगठन ने सरकार की ओर से चारधाम यात्रा जुलाई माह में शुरू कराए जाने का कड़ा विरोध किया है। संगठन का कहना है कि चारधाम यात्रा शुरू होने से कोरोना संक्रमण से मुक्त धामों व तीर्थो के भी इसकी चपेट मे आने की संभावना हैं।
संगठन के मुताबिक यात्रा शुरू करने से उत्तराखण्ड के चार धामों के कंटेनमेंट जोन बनने का खतरा भी बढ़ेगा। यदि ऐसा हुआ तो धामों की परम्परागत पूजाएं भी प्रभावित होगी।
संगठन अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी, सचिव श्रीकांत बडोला ने कहा कि संगठन के अनुसार देवस्थानम बोर्ड तीर्थपुरोहितो व हक हकूकधारियों की सहमति के बिना चारधाम यात्रा की अपनी मनमर्जी से शुरुआत कर रहा है, जिसका युवा तीर्थपुरोहित विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिदिन कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, सरकार तमाम कोशिशों के बाबजूद उन पर काबू पाने मे सफल नहीं हो पा रही है।
ऐसे में यात्रा करने वाल प्रदेश वासियो को सरकार उनके कोरोना से प्रभावित नहीं होने का कैसे दावा कर सकती है। चारधाम यात्रा के दौरान कई ऐसे जिले भी आते हैं जहां कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।
संगठन के अनुसार यात्रियों से पहले सरकार तीर्थपुरोहितो व हक हकुकधारियों को धामों की मौजूदा परिस्थितियों का जायजा लेने के लिए जाने की अनुमति देनी चाहिए।
यात्रियों को धामो मे पूजा अर्चना, खाने रहने व यातायात सुविधा आदि के बारे मे सरकार ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। संगठन ने सरकार से सरकार से जुलाई में यात्रा शुरू करने के निर्णय पर विचार करने की मांग की है।
विरोध करने वालों में उपाध्यक्ष आशीष कोटियाल, कोषाध्यक्ष प्रफुल्ल पंचभइया, गौरव पंचभइया, प्रदीप भट्ट, सतीश राजपुरोहित, राकेश कर्नाटक, हरिओम उनियाल, राकेश रैवानी आदि शामिल रहे।