सरकार के लिए बोझ व जनता के लिए अनुपयोगी माने जा रहे और देश के समस्त डाकघरों की रौनक कोरोना काल में लौटती दिख रही है। बैंकों की भांति डाकघरों को तमाम नई सेवाओं व सुविधाओं से लैस कर दिया गया है। सरकार ने इन्हें उपयोगी व कमाऊ बनाने के रास्ते खोज लिए हैं।
करीब 1,900 करोड़ रुपये की एक परियोजना के तहत सरकार ने सौर ऊर्जा से चलने वाली बायोमैटिक हैंड मशीनें डाकियों को मुहैया कराई हैं जिनसे वे अब घर-घर जाकर मनीऑर्डर से लेकर जमा, निकासी आदि तमाम सुविधाएं आम जनता को देने लगे हैं।
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से लैस इन मशीनों से साधारण डाक, ई-मनीऑर्डर, स्पीड पोस्ट, बीमा प्रीमियम और अन्य ऐसे भुगतान जो बैंकों के माध्यम से किए जाते हैं समेत पैसा जमा करना व निकालना आदि आम जनता के लिए घर बैठे करना संभव हो चुका है।
देश के समस्त डाकघरों को एकीकृत करने का काम शुरू हो चुका है और अब एक टोल फ्री नंबर द्वारा उक्त सेवाएं शुरू की जा रही हैं जिससे जनता घर बैठे अपने निकटतम डाकखाने से सभी प्रकार की सुविधाओं का लाभ उठा सके।