अपने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर दूर साइकिल पर बैठाकर परीक्षा केन्द्र पहुंचा गरीब और अनपढ़ पिता

मध्य प्रदेश — ग्राम बयडीपुरा के रहने वाले शोभाराम के बेटे आशीष की कक्षा 10 में पूरक आ गई थी और पूरक परीक्षा का सेंटर पूरे जिले में केवल धार ही बनाया गया है. कोरोना संक्रमण के चलते बसें अभी चालू नहीं हुई हैं जिसके चलते उनको धार पहुंचने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा था और न ही गरीबी में वह किसी तरह के साधन का प्रबंध कर सकते थे पढ़ाई की अहमियत को समझते हुए यहां एक पिता अपने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर दूर साइकिल पर बैठाकर परीक्षा केन्द्र पहुंचा गरीब और अनपढ़ पिता अपने बच्चे के साथ धार पहुंचने के लिए साइकिल से निकल पड़ा. दोनों पिता-पुत्र साइकिल पर अपने साथ दो दिन के खाने-पीने का सामान भी ले आए. रात्रि विश्राम उन्होंने मनावर में किया और अगले दिन ये सुबह धार पहुंच गए धार में आशीष ने भोज कन्या विद्यालय में परीक्षा दी. आशीष के पिता शोभाराम का कहना है कि पैसे और कोई साधन  नहीं होने के कारण इसे साइकिल से ही परीक्षा दिलवाने ले आया हूं. मेरे पास मोटर साइकिल नहीं है और कोई मदद नहीं करता. मैं चाहता हूं मेरा बच्चा कुछ पढ़ लिख जाए इसलिए मैं चला आया. मेरे बच्चे की परीक्षा 24 अगस्त तक है वहीं, आशीष कहना है कि वह बयडीपुरा में रहता है. 10वीं कक्षा में उसके तीन विषयों में पूरक आई है और वह पिता के साथ साइकिल पर परीक्षा देने आया है. वहीं, धार प्रशासन को जब इस मामले का पता चला तो उन्होंने दोनों लोगों के लिए 24 तारीख तक ठहरने का इंतजाम कर दिया है. साथ ही खाने की पूरी व्यवस्था की गई है

 

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