शाहजहांपुर। विधि की छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में घिरे पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ी राहत देते हुए दोषमुक्त कर दिया है। एमपीएमएलए कोर्ट ने छात्रा के बयान के आधार पर चिन्मयानंद को निर्दोष पाया है।
पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री और मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता चिन्मयानंद पर बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का आरोप उन्हीं के लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली एलएलएम की एक छात्रा ने लगाया था। 27 अगस्त 2019 को पीड़िता के पिता ने चौक कोतवाली में चिन्मयानंद के खिलाफ बेटी के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी। इससे बाद 5 सितंबर 2019 को पीड़िता ने नई दिल्ली के थाना लोधी कॉलोनी में चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच के दौरान एसआईटी ने इन दोनों एफआईआर को
एक में मिला लिया था। इस मामले की सुनवाई लखनऊ स्थित एमपीएमएलए कोर्ट में चल रही थी। नौ अक्तूबर 2020 को कोर्ट में अपने बयान में छात्रा दुष्कर्म के आरोप से मुकर गई थी। चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने बताया कि छात्रा ने कोर्ट में दिए अपने बयान में माना था कि उसने कुछ लोगों के बहकावे और दबाव में आकर आरोप लगाए थे। अब वह स्वतंत्र रूप से बयान दे रही है कि चिन्मयानंद ने उससे दुष्कर्म नहीं किया। वकील ओम सिंह के मुताबिक छात्रा के बयान के आधार पर शुक्रवार को कोर्ट ने चिन्मयानंद को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है।