देहरादून, सी0एम0ओ0 स्वास्थ्य विभाग के स्तम्भ हैं, यह बात प्रभारी सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ सचिवालय स्थित कार्यालय से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संबंधी कार्यक्रमों व योजनाओं की वर्चअल माध्यम से समीक्षा करते हुए कही। प्रभारी सचिव ने कहा कि इस वर्ष की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्य योजना पर अभी से ही युद्ध स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। हमारा मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु दर को किस प्रकार कम किया जाय, इस पर विशेष ध्यान देने की आावश्यकता है। इसलिये सभी को संस्थागत प्रस्ताव पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
प्रभारी सचिव द्वारा समीक्षा में पाया गया इस समय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जनपदो में 1027 पद खाली है जिस हेतु सभी मुख्य चिकित्साधिकारी को आदेशित किया गया कि शीघ्र ही पदों को भरा जाय। उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री मोतियाबिंद मुक्त भारत अभियान शीघ्र आरम्भ होने जा रहा है, परन्तु समीक्षा के दौरान यह नजर आया कि लक्ष्य के सापेक्ष मोतियाबिंद के ऑपरेशन कम होने पर नराजगी व्यक्त की तथा लोगों को सरकार की तरफ से मुफ्त लेंसों की गुणवत्ता की सही जानकारी नही होती है। उन्होने कहा इस तरह की सुविधा का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना चाहिये।
प्रभारी सचिव द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत किये जा रहे निर्माण कार्यो में सी0एम0ओ0 को निर्देर्शित किया कि वे व्यक्तिगत रूप से निर्माण कार्यो में कार्य स्थल में जा कर के कार्य की प्रगति की जांच करें। सचिव द्वारा कोविड वेक्शिनेशन की बूस्टर डोज की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त की और मुख्यतः अल्मोडा, हरिद्वार, नैनीताल, पिथोरागढ एंव उधमसिंह नगर को निर्देर्शित किया गया कि इस कार्य में तेजी लाये और शत् प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। स्वास्थ्य समीक्षा में प्रदेश के सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों समेत निदेशक, एनएचएम, डॉ. सरोज नैथानी, कार्यक्रम अधिकारी डा0 अजय नागरकर, डा0 पकंज सिंह, डा0 सुजाता, डा0 अभय, डा0 अर्चना ओझा, डा0 फरीदसहित सभी कार्यक्रम अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।