मेटा व महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा को रिपोर्टिंग कैम्पेन के लिए साझेदारी की

देहरादून, मेटा और राष्ट्रीय महिला आयोग ने फरहान अख्तर के मर्द के साथ साझेदारी में महिलाओं की ऑनलाइन सुरक्षा बढ़ाने के लिए आज एक रिपोर्टिंग कैम्पेन ष्डोन्ट हेजिटैट, डू रिपोर्ट, स्टे सेफ’’ के लॉन्च की घोषणा की है। यह कैम्पेन यूजर्स के लिये ऑनलाइन दुराचार, अनुचित कंटेंट या व्यवहार की सूचना देने के लिये उपलब्ध टूल्स और रिसोर्सेज पर जागरूकता और जानकारी बढ़ाने पर फोकस करेगा। अंग्रेजी और पांच भारतीय भाषाओं- हिन्दी ब, बंगाली, मराठी, कन्नेड़ और तमिल, में लॉन्च  हुआ ‘डोन्ट  हेजिटैट, डू रिपोर्ट, स्टे सेफ’ कैम्पेन यूजर्स के बीच ऐसे कंटेन्ट  की रिपोर्टिंग पर जागरूकता बढ़ाएगा, जो उन्हें  आगे शेयर करने के बजाए आपत्तिजनक लगता है।
यूजर्स के लिये इंटरनेट को ज्यादा सुरक्षित बनाने के प्रयासों और पहलों पर रोशनी डालते हुए, फेसबुक इंडिया (मेटा) में पॉलिसी प्रोग्राम्स और आउटरीच की हेड मधु सिंह सिरोही ने कहा, “शोध के मुताबिक, जब महिलाएं डिजिटल रूप से सशक्त होती है, तब आर्थिक विकास में ज्यादा योगदान देती हैं और इसके लिये सुरक्षित और वृद्धि तथा प्रभाव को प्रेरणा देने वाला इंटरनेट चाहिये। मेटा में हमने हमेशा ऐसे टूल्स और रिसोर्सेज बनाने की कोशिश की है, जो महिलाओं के लिये इंटरनेट को ज्यादा सुरक्षित और समावेशी बनाते हैं। ‘डोन्ट हेजिटैट, डू रिपोर्ट, स्टे सेफ’ कैंपेन के साथ, हमें विश्वास है कि हम ज्यादा लोगों को महिलाओं के विरूद्ध ऑनलाइन नुकसानों की रिपोर्टिंग और फेसबुक तथा इंस्टाग्राम पर महिलाओं को सशक्त  करने वाला अनुभव निर्मित करने में हमारे साथ भागीदारी करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे।”
भारत के विभिन्न अग्रणी  सीएसओ के साथ परामर्श पर आधारित ‘डोन्टि हेजिटैट, डू रिपोर्ट, स्टे  सेफ’ कैम्पेन का लक्ष्य मौजूदा मिथकों को तोड़ना भी है, जैसे कि “मेरे रिपोर्ट करने से कुछ नहीं होगा’’  या “अगर मैं रिपोर्ट करूं, तो मेरा नाम सामने आ जाएगा’’। इसके अलावा, कैंपेन यह समझने में यूजर्स की मदद करेगा कि जब वे कंटेन्ट की रिपोर्ट करते हैं, तब हमारे ऐप्सा फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उनका अनुभव अपने नियंत्रण में रहता है।
मेटा के साथ भागीदारी और इस कैंपेन के लॉन्च पर अपने विचार रखते हुए, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्यूागी ) की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा, “मेटा डिजिटल साक्षरता की उन पहलों में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू ) का लंबे समय से भागीदार है, जिन्होंने ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इंटरनेट पर सुरक्षित रहते हुए ऑनलाइन यात्रा में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित किया है। इनमें एक ऑनलाइन रिसोर्स सेंटर शामिल है, जो साइबरबुली, साइबर स्टॉकिंग और आर्थिक धोखाधड़ी जैसे मुद्दों से निपटने और महिलाओं के लिये उपलब्ध ऑनलाइन रिसोर्सेज के प्रभावी इस्तेमाल तथा शिकायत निवारण प्रक्रियाओं पर प्रशिक्षण देने के लिये है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की ज्यादा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यूजर्स को इस पर जागरूक करने की आवश्यकता है कि परेशान करने वाले कंटेंट की सुरक्षित रिपोर्टिंग कैसे करें। आज हम इस कैम्पेन को लॉन्च कर अपनी कोशिशों को आगे बढ़ा रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा यूजर्स आगे आने और हर दिन महिलाओं के साथ होने वाले ऑनलाइन दुराचार को रोकने में मदद के लिये प्रोत्साहित हों।” इस कैम्पेन से जुड़ने के बारे में अभिनेता, निर्देशक, दक्षिण एशिया के लिये यूएन वूमन गुडविल एम्बेसडर और मर्द (मेन अगेंस्ट रेप एंड डिस्क्रिमिनेशन) के संस्थापक फरहान अख्तर ने कहा, “मर्द में हम इंटरनेट पर लैंगिक समानता और इंटरनेट का सभी के लिये सुलभ बनाने पर यकीन रखते हैं, ताकि सारे यूजर्स की गरिमा बनी रहे। ऑनलाइन दुराचार के विरोध में आवाज उठाना और गलत कंटेन्ट की रिपोर्टिंग करना महत्वपूर्ण है, जिससे विभिन्न प्रकारों के शोषण से निपटने में मदद मिलेगी। हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिये ज्यादा सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव निर्मित करने हेतु मेटा और एनसीडब्ल्यू में के साथ भागीदारी करने पर गर्व है।”

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