दून . ड्राईवर्स को सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों के प्रति विनम्र एवं सम्मानपूर्ण बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, फोर्ड ने आज अपने वार्षिक सड़क सुरक्षा सर्वे के परिणाम जारी किए। तीसरे संस्करण में, फोर्ड कार्टेसी सर्वे ने सड़क पर चलने के उत्तम व्यवहार के बीच आने वाली बाधाओं एवं समस्याओं को उजागर किया तथा एक विस्तृत और व्यवहारिक सड़क सुरक्षा कार्यक्रम की जरूरत पर रोशनी डाली, ताकि सड़क के सुरक्षित उपयोग की आधारशिला रखी जा सके।फोर्ड कार्टेसी सर्वे के मुख्य परिणाम हैं।ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी की कमी। ड्राईविंग लाईसेंस धारक अनेक उत्तरदाताओं ने मौलिक ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी की कमी प्रदर्शित की। 10 उत्तरदाताओं में से एक ने नियमों की जानकारी की कमी को सड़क सुरक्षा के लिए संभावित खतरा माना। ट्रैफिक नियमों पर 31 प्रश्नों की प्रश्नावली में एक तिहाई से कम (27 प्रतिशत) ने 40 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किए और केवल 6 प्रतिशत लोग ही 50 प्रतिशत से ज्यादा सवालों के सही जवाब दे पाए। होने का मुख्या कारन है। 3 में से 1 उत्तरदाता ने माना कि उनके शहर में ट्रैफिक की स्थिति बहुत खराब या बहुत ज्यादा खराब है। 97 प्रतिशत ने माना कि ष्डिस्ट्रक्टेड ड्राइविंग मतलब ड्राइविंग के वक्त ध्यान भांग होना (मोबाईल फोन का उपयोग करने के चलते) और 81 प्रतिशत ने माना कि ‘आक्रामक ड्राईविंग’ देश में होने वाली दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में हैं। सच्चाई का क्षण। औसतन लगभग आधे लोगों ने नियमों के अनुपालन, सावधानी और करुणा के मामले में उत्तम व्यवहार की कमी को स्वीकार किया। डिस्ट्रक्टेड ड्राइविंग अनुपालन न किए जाने का सबसे बड़ा कारण उभर कर आया है । 58 फीसदी ने स्वीकार किया कि वो ड्राईविंग के वक्त फोन पर बात करते हैं। 63 प्रतिशत ने अपने बच्चों को आगे वाली सीट पर बिठाकर ड्राईव करने को आम बात माना और 58 प्रतिशत ने माना कि वो नींद आने पर भी ड्राईव करते रहते हैं।असली करुणा अभी भी एक लंबा रास्ता हैै। 53 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्वीकार किया कि वो आपातकालीन वाहनों जैसे एंबुलैंस या अग्निशामक वाहन को सदैव रास्ता नहीं देते हैं।