मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट को बहाल कर दिया गया है। पिछले महीने बागेश्वर में खनन सामग्री के साथ पकड़े गए डंपर को छोड़ने के लिए पुलिस प्रशासन को पत्र लिखने के मामले में उन्हें हटा दिया गया था। नंदन सिंह बिष्ट की पुनः बहाली पर कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री को खनन प्रेमी बताते हुए सवाल उठाए हैं।राज्य में आचार संहिता लगने से पहले छह जनवरी को शासन की ओर से इसके आदेश कर दिए गए थे। सचिव सचिवालय प्रशासन वीके सुमन के अनुसार इस मामले की जांच कराई गई थी, जिसमें शिकायत सही नहीं पाई गई। उन्होंने बताया कि बिष्ट की नियुक्ति नए सिरे से की गई है। बीते माह की 11 तारीख को मुख्यमंत्री के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को सस्पेंड कर दिया गया था। इससे पहले खनन के मामले में एक डंपर का चालान निरस्त कराने के लिए उनकी तरफ से पुलिस प्रशासन को लिखा गया एक पत्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। जिसे कांग्रेस ने मुद्दा बनाते हुए यह मामला सदन में भी उठाया था। इसके तत्काल बाद बिष्ट को सस्पेंड कर दिया गया था। अब आचार संहिता लगने से दो दिन पूर्व फिर से बहाल कर दिया गया है। बिष्ट की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष व पूर्व सीएम हरीश रावत के मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि खनन प्रिय मुख्यमंत्री ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उन्हें अवैध खनन के कारोबार से कितना प्यार है। अचार संहिता से कुछ समय पूर्व गुपचुप तरीके से की गई यह बहाली साबित करती है कि भाजपा सरकार किस तरह से भ्रष्टाचार में डूबी है।