हरिद्वार। बिना धर्म परिवर्तन किए ही शादी करने वाली लड़की समेत पांच लोगों के खिलाफ ज्वालापुर पुलिस ने उत्तराखंड धर्म अधिनियम-2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। शादी कराने वाले नजीबाबाद के पंडित पर भी इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस अधिनियम के तहत धर्म परिवर्तन करने से पहले जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होती है। मामले में मुकदमा अपर जिला मजिस्ट्रेट बीके मिश्रा की तरफ से कराया गया है।
ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला चौहानान निवासी अफसाना ने बिना धर्म बदले के ही आर्य समाज मंदिर नजीबाबाद में जाकर रुड़की के सोलानीपुरम के रहने वाले मोहित से 16 नवंबर 2020 को शादी कर ली थी। शादी नजीबाबाद के आर्य समाज मंदिर में आचार्य शोभित ने कराई थी। इस शादी में मोहित के जानकार अंबर तालाब के पास रहने वाले अरविंद और मोहित गवाह बने थे। पुलिस के अनुसार शादी के बाद अफसाना ने अपना नाम अंजलि रख लिया था और वह मोहित के साथ ही रह रही थी।
अफसाना उर्फ अंजलि ने धर्म परिवर्तन करने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय हरिद्वार में आवेदन किया था। जब अंजलि के धर्म परिवर्तन मामले की जांच शुरू की गई तो पता चला कि उसने आवेदन करने के लिए जो दस्तावेज लगाए हैं, उसमें साफ है कि वह बिना धर्म परिवर्तन के शादी कर चुकी है। इस मामले में ज्वालापुर कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि अपर जिला मजिस्ट्रेट बीके मिश्रा के आदेश पर मोहित निवासी सोलानीपुरम सिविल लाइन रुड़की, अंजलि उर्फ अफसाना निवासी मोहल्ला चौहानान ज्वालापुर, अरविंद व मोहित निवासी अंबर तालाब रुड़की और आर्य समाज मंदिर नजीबाबाद के आचार्य शोभित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।