प्रदेश में बुधवार को कोरोना के 513 नए मामले दर्ज किए गए। 22 मरीजों की मौत हुई है। वहीं, कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 10 हजार से नीचे पहुंच गई है। प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 335478 पहुंच गई है। जबकि 313379 मरीज ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, बुधवार को अल्मोड़ा में 89, बागेश्वर में 16, चमोली में 25, चंपावत में आठ, देहरादून में 114, हरिद्वार में 79, नैनीताल में 51, पौड़ी में 35, पिथौरागढ़ में 32, रुद्रप्रयाग में 10, टिहरी में 17, ऊधमसिंह नगर में 18 और उत्तरकाशी में 19 मामले शामिल हैं।
मृतक 22 कोरोना संक्रमित मरीजों में देहरादून में 18, नैनीताल में दो, पौड़ी में एक और ऊधमसिंह नगर में एक मरीज ने दम तोड़ा। वहीं, बुधवार को प्रदेश में ब्लैक फंगस के तीन मामले सामने आए। प्रदेश में कोरोना संक्रमण से 3088 मरीजों ने जंग जीत ली। प्रदेश में रिकवरी दर भी 93.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 9258 पहुंच गई है। इसमें अल्मोड़ा में 816, बागेश्वर में 731, चमोली में 536, चंपावत में 554, देहरादून में 476, हरिद्वार में 1714, नैनीताल में 900, पौड़ी में 1444, पिथौरागढ़ में 726, रुद्रप्रयाग में 283, टिहरी में 518, ऊधमसिंह नगर में 232 और उत्तरकाशी में 328 केस शामिल हैं। रुड़की सिविल अस्पताल में चल रहे कोविड केयर सेंटर में भर्ती आखिरी तीन मरीजों को भी छुट्टी दे दी गई है। अब अस्पताल में एक भी कोरोना संक्रमित भर्ती नहीं है। कोविड केयर सेंटर को सैनिटाइज करा दिया गया है।
करीब दो महीने पहले क्षेत्र में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे थे। ऐसे में हरिद्वार में मरीजों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए सिविल अस्पताल में 26 अप्रैल को कोविड केयर सेंटर खोला गया था। यहां 40 बेड की व्यवस्था की गई थी। कुछ ही समय में सभी बेड कोविड मरीजों से फुल हो गए थे। हालांकि, करीब 15 दिन से कोरोना के मरीज धीरे-धीरे कम हो गए हैं। वहीं, मरीजों के ठीक होने का ग्राफ भी बढ़ा। इससे कोविड केयर सेंटर से हर दिन मरीजों को छुट्टी मिलनी शुरू हो गई। दो दिन पहले सिविल अस्पताल में बचे सात मरीजों में से चार को डिस्चार्ज कर दिया था और तीन मरीजों का इलाज चल रहा था। बुधवार को इन तीनों मरीजों को भी छुट्टी दे दी गई है। ऐसे में सिविल अस्पताल का कोविड केयर सेंटर अब खाली हो गया है। बुधवार को कोविड केयर सेंटर की सफाई और सैनिटाइजेशन कराया गया।