सिटी बस, विक्रम व ऑटो आदि में वर्दी का रौब गालिब कर मुफ्त सफर करने वाली पुलिस अब स्मार्ट बसों में भी मुफ्त सफर के लिए दबंगई दिखाने लगी है। महज 25 दिन पूर्व शुरू की गई स्मार्ट सिटी बस सेवा में मुफ्त सफर को लेकर पुलिस कर्मियों का रोजाना बस परिचालकों से विवाद हो रहा। रोडवेज प्रबंधन तक मामले की शिकायत पहुंची तब पुलिस की करतूत सामने आई। परिचालकों के आरोप हैं कि पुलिस के सिपाही बसों में टिकट नहीं लेते और जबरन मुफ्त सफर का दबाव बनाते हैं। किराया मांगने पर धमकाते हैं। आरोप है कि दो-तीन दिन पूर्व भी एक परिचालक को धमकाया गया। शिकायत पर रोडवेज के मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता द्वारा जिलाधिकारी एवं एसएसपी को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की गई है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बीती 21 फरवरी से दून शहर में इलेक्ट्रिक स्मार्ट बस का संचालन शुरू हुआ था। प्रारंभिक चरण में आइएसबीटी-राजपुर मार्ग पर पांच बसों को उतारा गया है, जबकि कुछ अन्य मार्गों पर भी 25 स्मार्ट बस सेवाएं संचालित की जानी हैं। जनता को उचित दर पर सुलभ व प्रदूषणमुक्त यात्रा देने के उद्देश्य से चलाई गई इन बसों पर भी मुफ्त यात्रा का अड़ंगा लगने लगा है। आरोप है कि कुछ सरकारी विभागों के कर्मचारी खुद को स्टॉफ बताकर इन बसों में मुफ्त यात्रा कर रहे हैं। खासकर पुलिस, परिवहन विभाग व परिवहननिगम के कर्मचारी। मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता ने जो पत्र जिलाधिकारी को भेजा है, उस पत्र में कुछ पुलिस सिपाहियों पर मुफ्त यात्रा के लिए परिचालक को धमकाने व बदसलूकी के आरोप भी हैं। रोडवेज प्रबंधन ने समस्त परिचालकों को स्पष्ट कर दिया है कि स्मार्ट बसों में किसी को भी मुफ्त यात्रा ना कराएं। अगर कोई जबरन मुफ्त यात्रा करता है तो उसका नाम-पता व विभाग नोट कर मंडल प्रबंधक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराएं।