चमोली जिले के तपोवन में आई आपदा के बाद सरकार भी अपडेट होने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है। एसडीआरएफ की ओर से वाटर लेवल सेंसर और अलार्म सिस्टम लगाया जा रहा है। इन अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से नदी का जलस्तर बढ़ने से तुरंत ही अलार्म बज उठेगा। अलार्म की मदद से जिला प्रशासन किसी भी आपदा से पहले ही बचाव के उपाय कर सकेगी। वहीं दूसरी ओर तपोवन व आसपास के क्षेत्र में राहत व बचाव कार्य जारी है।आपदा के एक हफ्ते बाद भी लापता लोगों के सुराग नहीं होने परिजनों के आंखों के आंसू सूखने का नाम नहीं ले रहे हैं। चिंता की बात है कि आपदाग्रस्त क्षेत्र से अब तक 53 लोगों की लाश मिल चुकी है। जबकि, एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी 154 लोगों का कोई सुराग नहीं है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी, बीआरओ आदि के जवान लापता लोगों को खोजने में कोई कमी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। तबाही होने के तुरंत बाद से लोगों को बचाने का हर संभंव प्रयास किया जा रहा है। आपदा ग्रस्त क्षेत्र में भारतीय वायु सेना का चिनूक भारी सामान लाने मे मददगार साबित हो रहा है। जिला प्रशासन ने रैणी क्षेत्र में आई आपदा में लापता लोगों की तलाश के लिए अधिशासी अभियंता आरडब्ल्यूडी और तहसीलदार के नेतृत्व में एक टीम भी बनाई जा चुकी है, जो लापता लोगों की खोजबीन करने में जुटी हुई है। लेकिन, सुरंग के जमी गाद व मलबा राहत कार्य की रफ्तार को कम कर रहा है।