नौ नवंबर 2000 को अस्तित्व में आए उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन कोई नई बात नहीं है। पंडित नारायण दत्त तिवारी को छोड़ दिया जाए तो अंतरिम से लेकर अब तक की निर्वाचित सरकारों में कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। हालांकि, इस मर्तबा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई त्रिवेंद्र सरकार के पांच साल पूरा करने की उम्मीद जताई जा रही थी, मगर मुख्यमंत्री के रूप में त्रिवेंद्र सिंह रावत भी तिवारी की बराबरी नहीं कर पाए। चार साल पूरे करने की दहलीज पर पहुंचते ही उन्हें पद से हटना पड़ा। पूर्व में अंतरिम से लेकर पिछली सरकार तक के कार्यकाल में मुख्यमंत्रियों को चुनौती देने वाले चेहरे सामने रहे हैं।