महिलाओं के स्वस्थ होने से ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता

राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने कहा कि महिलाओं के स्वस्थ होने से ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। लिहाजा अब समय आ गया है कि महिलाओं को अपने निजी स्वास्थ्य के प्रति चुप्पी तोड़ते हुए आगे आना होगा। यह बातें राज्यपाल ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गायनिकोलॉजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित स्त्री वरदान कार्यक्रम के दौरान कहीं। बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने एम्स के स्त्री वरदान ‘चुप्पी तोड़ो, स्त्रीत्व से नाता जोड़ो’ अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि अपने निजी स्वास्थ्य के प्रति गांव देहात की महिलाएं अभी भी जागरूक नहीं हैं। लिहाजा ऐसी महिलाओं को स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए अपने निजी स्वास्थ्य के प्रति चुप्पी तोड़कर जागरूक होना होगा।एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि महिलाओं में होने वाली 15फीसद बीमारियां पुरुष जनित हैं। महिलाओं की निजी स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों के परामर्श व उपचार के लिए एम्स में रिकंस्ट्रेक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनिकोलॉजी विभाग की स्थापना की गई है। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने देश में कुपोषण की वजह से महिलाओं के स्वास्थ्य पर ङ्क्षचता जताई। ऐसी स्थिति में उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर की गई इस पहल की सराहना की और उम्मीद जताई कि एम्स ऋषिकेश की यह शुरुआत महिलाओं के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगी। यमकेश्वर विधायकऋतु खंडूड़ी ने कहा कि महिलाओं को निजी समस्याओं से निजात पाने के लिए संकोच मिटाकर आगे आना होगा, तभी महिलाएं स्वस्थ रह सकती हैं। हंस फाउंडेशन की प्रमुख माता मंगला ने कहा कि घर की नारी के स्वस्थ रहने पर ही परिवार स्वस्थ रह सकता है। महिलाओं को एम्स की इस मुहिम से जुडऩा चाहिए।

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