देश में वर्ष 2024 और 2028 के ओलंपिक के लिए तीरंदाजों को अभी से तैयार किया जाएगा। हुनर में निखार लाने और लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए खिलाडिय़ों को तकनीकी व मानसिक रूप से मजबूत बनाया जाएगा। इसके लिए उन्हें देश में ही मनोविज्ञानी, फिजियोथेरेपिस्ट, वीडियो एनालिस्ट आदि की सुविधा दी जाएगी। यह निर्णय भारतीय तीरंदाजी संघ की वार्षिक आम सभा में लिया गया।
आम सभा भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में रविवार को देहरादून के एक होटल में हुई। संघ के महासचिव प्रमोद चेडूलकर ने बताया किआम सभा में सोनीपत, औरंगाबाद, इम्फाल, गुवाहाटी के स्पोट्र्स सेंटर में तीरंदाजों को ओलंपिक के लिए तैयार करने पर गहरी चर्चा हुई। निर्णय लिया गया कि खिलाडिय़ों को मजबूत बनाने के लिए साइंटिफिक स्टाफ को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके तहत मनोविज्ञानी, फिजियोथेरेपिस्ट, वीडियो एनालिस्ट आदि की सुविधा देने के साथ ही तीरंदाजों की प्रतिभा को निखारने के लिए संघ अब साइंटिफिक तरीकों की मदद लेगा। इसके लिए सोनीपत (हरियाणा) के स्पोट्र्स सेंटर में विश्वस्तरीय स्पोट्र्स साइंस लैब स्थापित की जाएगी। यह दुनिया की बेहतरीन स्पोट्र्स लैब में से एक होगी। जहां खिलाडिय़ों की क्षमता को पहचानने और उन्हें विकसित करने की दिशा में काम किया जाएगा। आम सभा में संघ के उपाध्यक्ष कैलाश मोराकरा, डीके विद्यार्थी, रूपेश कर, संयुक्त सचिव डॉ. केवी गुरुंग, लद्दाख संघ के अध्यक्ष एवं लद्दाख सांसद जमयांग सेरिंगग नामग्याल समेत 24 राज्यों के 45 पदाधिकारी मौजूद रहे।