सरकार के पास पेट्रोल और डीजल पर 8.50 रुपये प्रति लीटर तक उत्पाद शुल्क में कटौती करने की गुंजाइश है। विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि इन ईंधनों से मिलने वाले राजस्व के लक्ष्य पर असर डाले बिना यह कटौती की जा सकती है।
कच्चे तेल के दामों में उछाल के बीच भारत में पेट्रोल और डीजल के खुदरा भाव इस समय अभूतपूर्व ऊंचाई पर चल रहे हैं। पिछले नौ महीने से इनके दाम बढ़ रहे हैं। विपक्षी दल और समाज के कुछ वर्गों से पेट्रोलिमय ईधन पर करों में कटौती की मांग की जा रही है ताकि उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिले।
आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज ने अपने एक परचे में कहा है, हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 में वाहन ईंधन पर यदि उत्पाद शुल्क में कोई कटौती नहीं की जाती है तो यह 4.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगी जबकि बजट अनुमान 3.2 लाख करोड़ रुपये का है। इस हिसाब से यदि एक अप्रैल 2021 को अथवा इससे पहले उत्पाद शुलक में 8.5 रुपये प्रति लीटर की भी कटौती की जाती है तो अगले वित्त वर्ष के बजट अनुमान को हासिल कर लिया जायेगा।