देहरादून, आयुष्मान योजना के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनधारकों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही गोल्डन कार्ड की सुविधाओं में आ रही कुछ समास्याओं को शीघ्र दूर कर लिया जायेगा। जिसके लिये एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय समिति गोल्डन कार्ड की विसंगतियों को लेकर अन्य राज्यों का अध्ययन कर एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने आयुष्मान योजना की समीक्षा कर गोल्डन कार्ड की विसंगतियों को लेकर विभागीय अधिकारियों से विस्तृत चर्चा के बाद आवश्यक निर्देश दिये। डॉ0 रावत ने बताया कि गोल्डन कार्डधारकों को उपचार के दौरान आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के समाधान एवं योजना के अंतर्गत और अधिक सुविधाएं देने के लिये एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय समिति में विभाग की ओर तीन तथा राज्य कर्मचारी संगठनों की ओर से दो सदस्यों को शामिल किया जायेगा। समिति गोल्डन कार्ड की विसंगतियों एवं अन्य राज्यों में एसजीएचएस के अंतर्गत दी जा रही सुविधाओं का अध्ययन कर एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। डॉ0 रावत ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर राजकीय पेंशनर्स को गोल्डन कार्ड योजना में शामिल होने या न होने के लिये दोनों विकल्प उपलब्ध करा दिये गये हैं, अब उनकी इच्छा पर निर्भर है कि वह गोल्डन कार्ड योजना में शामिल होना चाहते हैं या फिर नहीं।
समीक्षा बैठक में प्राधिकरण के सीईओ एवं अपर सचिव स्वास्थ्य अरूणेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि गोल्डन कार्ड योजना के अंतर्गत अभी तक तीस हजार से अधिक कार्मिकों एवं पेंशनर्स का उपचार किया जा चुका है। जिस पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण विभिन्न अस्पतालों को लगभग 78 करोड़ का भुगतान कर चुका है। जिसमें सर्वाधिक 16282 लाभार्थियों ने जनरल मेडिसिन, 3653 ने नेत्र चिकित्सा, 2484 जनरल सर्जरी, 2078 ऑन्कलॉजी, 1055 कार्डियोलॉजी, 885 ने यूरोलॉजी, 866 ने ऑर्थाेपेडिक तथा 819 महिला कार्मिकों ने स्त्री एवं प्रसूति रोगों का उपचार लिया। इसके अलावा गोल्डन कार्ड योजना के अंतर्गत कुल 16844 लाभार्थियों के ओपीडी बिलों का 24 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। इसी प्रकार 26508 लाभार्थियों के आईपीडी बिलों का 60 करोड़ से अधिक का भुगतान हो चुका है। बैठक में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन डी.के. कोटिया, सचिव स्वास्थ्य राधिका झा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा आशीष श्रीवास्तव, महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ0 शैलजा भट्ट, अपर सचिव स्वास्थ्य एवं सीईओ राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अरूणेन्द्र सिंह चौहान, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 मीतू शाह, संयुक्त निदेशक डॉ0 आर0पी0 खंडूडी, वित्त नियंत्रक खजान चन्द्र पाण्डेय सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।