प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने अस्पतालों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया

देहरादून/चमोली, उत्तराखंड के स्वास्थ्य प्रभारी सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डा. आर राजेश कुमार ने जनपद चमोली में अस्पतालों का निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने सीमांत जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्थाआंे को और मजबूत बनाने पर जोर दिया। सीमांत जनपद चमोली के दो दिवसीय दौरे पर पहुॅचे प्रभारी सचिव ने पहले दिन शुक्रवार को पीएचसी गौचर, उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग, निर्माणाधीन बेस चिकित्सालय सिमली का निरीक्षण करते हुए स्थानीय लोगों से मुलाकात कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बेस अस्पताल सिमली में का भवन तत्काल विभाग को हस्तांतरित करते हुए आगामी 26 अगस्त से ओपीडी का संचालन शुरू करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में प्रसवा वार्ड, टीवी मरीजों के चिकित्सा व्यवस्था, ऑक्सीजन प्लांट, टीकाकरण केन्द्रों, एनएचएम के तहत अस्पतालों में लंबित निर्माण कार्यो, आयुष्मान कार्ड आदि चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए मरीजों से उनका हाल पूछा। उन्होंने अस्पताल में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। प्रभारी सचिव से वार्ता के दौरान क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने उप जिला चिकित्सालय में फिजीशियन, रेडियोलॉजिस्ट, आर्थोपेडिक सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती न होने के समस्या रखी। सिमली में आशा कार्यकत्रियों ने प्रभारी सचिव से मानदेय समित अन्य समस्याओं के निस्तारण की मांग की। देवलीबगड गांव में भोटिया परिवारों से मुलाकात करते हुए प्रभारी सचिव ने आयुष्मान कार्ड सहित तमाम स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।
प्रभारी सचिव ने देर सांय जिला मुख्यालय पहुॅचकर क्लेक्ट्रट सभागार में स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हमारा उदेश्य सीमांत एवं दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करना है ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य लाभ मिल सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आधारभूत संरचना विकास, आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के लिए शीघ्र प्रस्ताव उपलब्ध करें। इसके अतिरिक्त सीएमओं को सीमांत जनपद में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिए पांच प्राथमिकताएं निर्धारित करते हुए उसका प्रस्ताव भी उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि एनएचएम के तहत अस्पतालों में लंबित निर्माण कार्यो को शीघ्र पूरा किया जाए। इस दौरान उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों में तत्परता के अपनी सेवाओं देने के लिए सभी चिकित्सकों का हौसला भी बढाया।
सीमांत जनपद भ्रमण के दूसरे दिन शनिवार को प्रभारी सचिव ने जिला अस्पताल का निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने आईसीयू, एमरजेन्सी वार्ड, एक्स-रे सेंटर, प्रसूति कक्ष, ऑक्सीजन प्लांट, ब्लड बैंक आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक के माध्यम से जिला अस्पताल में जल्द ही सिटी स्कैन मशीन की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। साथ ही स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। अस्पताल में सर्जन के उपस्थित न रहने पर उन्होंने इस संबध में डीजी हेल्थ को पत्र लिखने की बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि बेस अस्पताल सिमली में भी ब्लड बैंक स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में हेल्थ इन्फ्रास्टचर, मैन पावर एवं जरूरी उपकरणों होने आवश्यक है। हमारा मकसद इस दिशा में सामजस्य स्थापित करते हुए दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजीव शर्मा, एसीएमओ डा.उमा रावत, एसीएमओ डा. एमएस खाती सहित स्वास्थ्य विभाग के तमामा चिकित्सा विशेषज्ञ उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *