शिक्षा एक व्यक्ति में पहले से ही पूर्णता की अभिव्यक्ति है

विषय- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
स्वामी  विवेकानंद जी ने कहा था -” शिक्षा एक व्यक्ति में पहले से ही पूर्णता की अभिव्यक्ति है”
शिक्षा नीति का महत्व-
आज के परिपेक्ष्य  में शिक्षा नीति अत्यंत  ही महत्वपूर्ण है।अगर आपको किसी देश का  सर्वोच्च विकास करना है तो  सबसे पहले  उसकी  शिक्षा  नीति को  सुगम व  देश वासियो के हित मे बनाइये  देश खुद ही  बदल जाएगा।सही  और  प्रगतिशील  शिक्षा प्रणाली  किसी भी देश के  सर्वांगीण  विकास को सुनिश्चित करती है ।अगर  बदलाव चाहते हो तो शिक्षा का स्तर उन्नत करना अति आवश्यक  है।देश के  सभी  विद्यार्थीयो के द्वारा  देश  बदलने का यही एकमात्र  साधन है।एक  सही  शिक्षा  नीति किसी भी देश के  नागरिको  व विद्यार्थीयो के साथ ही देश का भविष्य तय करते है । शिक्षा ही जीवन का आधार है। एक शिक्षित व्यक्ति  ही एक समृद्ध राष्ट्र की नींव रखता है।एक शिक्षित समाज ही
 एक शिक्षित राष्ट्र निर्माण कर सकता है। शिक्षा के माध्यम से ही मनुष्य का सर्वांगीण विकास संभव है।
 शिक्षा नीति का इतिहास-
हमारे देश की  शिक्षा नीति  को  आजादी के बाद  तत्कालीन  सरकारो ने  देश की  परिस्थिति के  अनुसार  लागू किया  और समय  समय पर  इसमे  1948से लेकर  2016 तक कुछ  बदलाव किए गए, लेकिन  अब  वर्तमान  माननीय श्रद्धेय प्रधानमन्त्री  नरेंद्र मोदी जी के  कुशल मार्गदर्शन व नेतृत्व मे  भारत सरकार व सम्बन्धित मंत्रालय और माननीय यशस्वी मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल “निशंक” जी के निर्देशो व  अथक परिश्रम से  इस  बहुआयामी  शिक्षा नीति को  सुगम बनाकर  देश के सभी विद्यार्थीयो के  सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए  लागू किया गया है । यह  शिक्षा नीति  भारतीय  शिक्षा जगत को नयी दिशा व  बहुप्रतीक्षित  सुधार के लिए  एक  राष्ट्रीय निर्माण का  प्रकाश  स्तम्भ  बनकर भारत का गौरव शाली इतिहास व संस्कारो व संस्कृति व सभ्यता का परिचय देते हुए  विकास शील भारत को  दुनिया के सामने  एक  विश्व गुरु के रूप मे  प्रतिष्ठित करेगी। भारत वर्ष  अनादि काल से ही शिक्षा का महानतम  केन्द्र रहा है  नालंदा और  तक्षशिला के साथ साथ  हमारे देश के सभी  गुरु कुल  इसके  उत्कृष्ट  उदाहरण रहे है  जिनमे  आम आदमी से लेकर  राजपुत्र तक  एक साथ मिलकर  शिक्षा प्राप्त कर सकते थे  स्वयं भगवान् श्रीकृष्ण व श्रीराम जी ने गुरुकुल परम्परा का  पालन करते हुए  शिक्षा  प्राप्त की  उस समय की शिक्षा मे कोई भी  भेदभाव नही था  लेकिन  हमारे देश की  आजादी के साथ ही  अंग्रेज़ी  शिक्षा व  लार्ड मैकाले के  अनुसार  शिक्षा का प्रसार किया गया  जो कि हमारे देश की संस्कृति व सभ्यता का नुकसान हुआ , भले ही  उसमे कुछ  सुधार किए  गए थे लेकिन  आज के  परिवेश व  बदलते हुए  विकसित भारतीय  नयी पीढ़ी को  विश्व  स्तरीय  शिक्षा व्यवस्था की स्थापना की गई  जो  प्रमुख  सुधार किए गए है वह  समानता व  देश की  एकता व  अखंडता और भाईचारे के साथ ही  विश्व बन्धुतव की भावना के साथ  सभी के  लिए  सुगम होगी  ।नया  पाठ्यक्रम  शिक्षको के साथ ही  विद्यार्थीयो के लिए  आसान  होगा और  उनकी  शिक्षा के प्रति  जागरूकता  बढेगी ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020-
34 वर्षो बाद  देश की  शिक्षा  नीति मे  एक  ऐतिहासिक महत्व व देश के  विद्यार्थीयो के सर्वांगीण विकास के लिए  बहुत महत्वपूर्ण  बदलाव किए गए है।
●मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम  शिक्षा मंत्रालय  किया गया है। ●देश की जीडीपी का 6% अब शिक्षा के क्षेत्र में लगेगा।बालिकाओ की शिक्षा मे  सम्पूर्ण भागीदारी व  देश व्यापी  सुधार।
●आंगनवाड़ी  शिक्षा का स्तर उन्नत कर दिया गया है।
●शिक्षा को  5+3+3+4 के नये  फार्मेट मे लागू कर  दिया , इससे  बच्चौ को  बहुत ही  आसान  प्रक्रिया से  विद्याअधयन होगा।
●5 वी तक के छात्रो को  अब  अपनी मातृभाषा  स्थानीय  भाषाओ  व  राष्ट्रीयभाषा  मे  शिक्षा  मिलेगी,अंग्रेज़ी की  अनिवार्यता  नही है वह  एक  ऐच्छिक विषय के  रूप मे होगा।
●9 वी से बाहरवी तक  सेमेस्टर सिस्टम को लागू किया गया है।
● कालेज की  डिग्री को बहुत ही  सुगमता पूरण बनाया गया है- डिग्री  3 व 4 वर्षीय कोर्स के रूप मे होगी-इसमे  पहले वर्ष  सर्टिफिकेट  दूसरे मे  डिप्लोमा व तीसरे मे  डिग्री  मिलेगी,M फिल  को बंद किया गया है ।सभी  शिक्षा संस्थान आनलाईन  शिक्षा के लिए प्रयत्नशील होकर  प्रोग्रामिंग  करेंगे।
●उच्चतम शिक्षा के लिए बहुत से  बदलाव किए गए है जो पूरी तरह  पारदर्शी है।
●भारतीय शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया गया है। उच्चतम  टेक्नोलॉजी का  प्रयोग  करते हुए  सुगम बनाकर  प्रस्तुत किया गया है।
●व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए  8 भाषाओ की मान्यता  प्रदान की गई।दिव्यागं जनो के लिए  उपयोगी व सुगमता पूरण  बनाया गया है।
●पाठ्यक्रम की रूपरेखा मे चार  प्रमुख बदलाव खिए गए है।
●बच्चौ की  *परख *प्रक्रिया द्वारा  पहचान कर  उनको  प्रोत्साहित करना।
● किताबो के लिए  डिजीटल  लाइब्रेरी की स्थापना।
●मूल्यांकन की प्रक्रिया मे  महत्वपूर्ण बदलाव किए गए।
इस तरह  के  अनेकानेक  सुधार किए गए है  जिसमे  2.25 लाख लोगो के  सुझाव  1.25 लाख ग्राम समितियो   देश के  शीर्ष  शिक्षाविदो और राज्यो के शिक्षा मन्त्रीयो ,समाजिक संगठनो , अध्यापको  के साथ देश के  विद्यार्थीयो के सुझाव  लिए गए  और   के•कस्तूरी रंजन  जी की  अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के मुताबिक इस नई शिक्षा नीति को सुगम बनाकर प्रस्तुत किया गया है और यह  नीति  भारतीय शिक्षा जगत को नयी दिशा प्रदान कर  देश के सर्वांगीण  विकास को सुनिश्चित करने के लिए  अपना बहुमूल्य योगदान देते हुए  नये  इतिहास का  हिस्सा बन कर भागीदारी देगी और भारत का  गौरव शाली इतिहास व हमारे महान सपूतो वीर राजाओ ,योद्धाओ व क्रान्तिकारीयो व देश के महान सपूतो अमर शहीदो को  देश की जनता को  पढ़ने व  समझने का  सुअवसर मिलेगा ।
छात्रों का समग्र विकास-
यह शिक्षा नीति युवाओं के समग्र विकास का खाका है।यह शिक्षा नीति छात्रों के व्यक्तित्व  एवं कौशल विकास मे अत्यंत  सहायक है।आधुनिकता के समन्वय से  वैज्ञानिक सोच युक्त झान आधारित समाज के निर्माण में यह शिक्षा नीति मूर्त रूप होगी।यह शिक्षा नीति पुर्णतः छात्र हित में है। शिक्षा नीति मे भारत के मूल्यों के अनुरूप नवाचार , अनुसंधान,कौशल विकास,तथा रोजगार का समावेश प्रशंसनीय है। यह शिक्षा नीति भविष्य की आवश्यकता अनुसार अनुकूल है। यह कदम भारत को आत्मनिर्भर बनाने मे मील का पत्थर साबित होगा।यह शिक्षा नीति  हमारे देश के यशस्वी महान प्रधानमंत्री माननीय श्रद्धेय श्री मोदी जी व शिक्षा मंत्री डा0 रमेश पोखरियाल “निशंक” जी व  केन्द्रीय मंत्री मंडल के सदस्यो के  अथक परिश्रम व प्रयासो का  प्रतिफल के रूप मे  देश का हित करेगी ।हमारे देश के सभी विद्यार्थीयो के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा मिलेगा  ।इसके लिए मै  सभी सम्मानित  शिक्षा विदो के साथ   शिक्षा मंत्री डा0 रमेश पोखरियाल” निशंक” जी व उनकी  टीम को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं।  यह शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा जगत को शिखर पर  ले जाएगी  और हमे  विश्व  स्तरीय  शिक्षा व्यवस्था के अनुरूप  बनाने की योजना सफल होगी। शिक्षा नीति को गुणवत्ता, पहुंच, जवाबदेही, सामर्थ्य और समानता के आधार पर एक समूह प्रक्रिया के अंतर्गत बनाया गया है।जहां विद्यार्थियों के बहुमुखी व्यक्तित्व एवं  कौशल विकास पर ध्यान दिया गया है ,वैज्ञानिक सोच युक्त ज्ञान भी प्रदान किया जाएगा।वहीं पाठ्यक्रम को लचीला बनाया गया है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सफलतापूर्वक मुकाबला कर सके।मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से भारत अपने महान गौरवशाली वैभव को पुनः प्राप्त करेगा।शिक्षा से ही हम  अपने देश की दिशा व दशा को बदलने का सम्पूर्ण  प्रयास करने मे सफल होकर , भारत  को आत्मनिर्भर बनाकर, भारत को पुनः  विश्वगुरू के गौरवान्वित पद पर स्थापित करेंगे।
“शिक्षा से ही बदलेगा हमारा भारत देश महान,संस्कृति  विज्ञान  और तकनीकी का किया  अनुसंधान।
भारत माता की पुनः  प्रतिष्ठा  विश्व गुरु  की  होगी,भारत की धरती पर  अब ज्ञान विज्ञान की  गंगा यमुना  बहेगी।”
जय हिंद जय भारत।
वंदे मातरम्।
अनिरुद्ध उनियाल
राष्ट्रीय युवा संयोजक
आईएएमबीएसएस।

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