आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल सचिव बाल विकास से मिला, मांगपत्र सौंपा

देहरादून, उत्तराखंड राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल संघ की प्रदेश महामंत्री सुशीला खत्री के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग सचिव एवं निदेशक हरीश चंद्र सेमवाल से मिला। जिसमें उन्होंने उत्तराखंड की समस्त आँगनवाडी बहनों की ज्वलंत समस्याओं को उनके सम्मुख रखा, 10 सूत्रीय समस्याओं का ज्ञापन उनको सौंपा। जिसमें मुख्य रुप से आंगनवाड़ी केंद्रों पर सेनेटरी पैड निशुल्क वितरण किए जाने के संबंध मैं उन्होंने सचिव महोदय से वार्ता की, कहां की जब विभाग में धात्री महिलाओं को( 3500)  रुपए की किट धात्री निशुल्क वितरण की जा रही है तो ₹6 रुपए का सेनेटरी नैपकिन महिला एवं किशोरियों को निशुल्क क्यों नहीं दिया जा रहा है ,साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग में भी सेनेटरी नैपकिन की योजना चलाई जा रही है, एक ही योजना को दो विभागों द्वारा क्यों चलाया जा रहा है  आंगनबाड़ियों को इस योजना से मुक्त किया जाए।
इसके अलावा दूसरे बिंदु पर भी बात की गई पोषण अभियान के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों में जो सामग्री वितरण की जा रही है दूध केला अंडा चिप्स इत्यादि उसको आंगनवाड़ी केंद्रों तक पहुंचाई जाए या फिर दूलान का पैसा विभाग द्वारा उनको भुगतान किया जाए, जिसमें उनके हर महीने 400 से 500 रुपए दूलान के बच सकंे। जिला संयोजिका मधु पुंडीर द्वारा सचिव साहब को बताया गया कि आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय प्रत्येक माह समय पर नहीं आ रहा है तथा जिस माह का मानदेय आ रहा है उस माह का नाम बैंक पासबुक में अंकित नहीं है इसलिए उन्होंने अनुरोध किया है कि बैंक पासबुक में माह अंकित किया जाए।
जिला अध्यक्ष सुधा शर्मा द्वारा बताया गया कि  विभाग द्वारा जो फोन ऑनलाइन कार्य करने के लिए दिए गए थे अधिकांश खराब हो चुके हैं डाटा फिट नहीं हो रहा ऑनलाइन कार्य करने हेतु समय पर रिचार्ज की धनराशि उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था हर महा की जाए। शहर अध्यक्ष आशा जी ने कहा कि जो आंगनवाड़ी भवन किराए पर चल रहे हैं उनके लिए विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के घर पर एवं रिश्तेदारों के घर पर चलने वाले आंगनवाड़ी केंद्रों को तत्काल दूसरी जगह खोला जाए इसके लिए उन्होंने बताया कि, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के आंगनवाड़ी केंद्र उनके रिश्तेदारों के यहां चल रहे हैं वह खाली नहीं कराए जाएंगे, क्योंकि किराए के भवन लेने के लिए मकान मालिक पहले एडवांस पैसे मांगते हैं साथ ही हर महा का किराया भी उनको देना होता है विभाग की तरफ से हर महा किराया नहीं दिया जाता 1 साल 2 साल में किराया दिया जाता है ऐसा कोई भी भवन स्वामी नहीं है जो इतने लंबे समय तक आंगनवाड़ी केंद्र को चलने देंगे। इसके अलावा भी सचिव साहब से कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जो ड्रेस विभाग द्वारा दी गई है वह बहुत ही घटिया किस्म की दी गई है उसकी गुणवत्ता सही नहीं है ड्रेस की धनराशि को आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के खाते में डालने की व्यवस्था बनाई जाए। मिनी आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चे अधिक होने के कारण और अकेली कार्यकर्ता होने के कारण कारण मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मानवता दिखाते हुए उन केंद्रों का उच्चीकरण किया जाना आवश्यक है। साथ ही नंदा गौरा योजना में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों मिनी कार्यकर्ताओं की बेटियों को भी लाभ देने की योजना बनाई जाए और उसका शासनादेश जारी किया जाए।
इसके अलावा प्रदेश महामंत्री सुशीला खत्री द्वारा अनुरोध किया गया कि 2016 में महिला कल्याण कोष की स्थापना की गई थी, उन्होंने अनुरोध किया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नेशनल पेंशन स्कीम से जोड़ा जाए, तथा  सरकार द्वारा भी आंगनबाड़ी कर्मी कल्याण कोष में अगले 10 वर्ष तक 10 करोड़ की धनराशि जमा कराई जाए,ताकि रिटायरमेंट पर एक सम्मानजनक राशि के रूप में मिल सके, इसके अलावा वर्तमान में बढ़ती महंगाई को देखते हुए पूर्व में निर्धारित कुक्ड फुड योजना सामग्री क्रय की जाने वाली धनराशि में बढ़ोतरी किये जाने की नितांत आवश्यकता है, इसको बढ़ाने का प्रस्ताव जल्द ही जारी करें।

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