सिद्धपीठ मंदिरों में होगा चैत्र महानवरात्र कार्यक्रम का आयोजन

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड शासन ने प्रदेशभर में चैत्र नवरात्रों को नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया हैI जिसको लेकर जनपद के मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि जनपद के सिद्धपीठ मंदिरों में चैत्र महानवरात्र कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगाI

जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में आयोजित बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने अधिकारियों को बताया कि चैत्र नवरात्री को नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाए जाने के चलते जनपद के विभिन्न धार्मिक स्थलों में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वहीं इस मौके पर जनपद के प्रसिद्ध व सिद्धपीठ मंदिरों में चैत्र महानवरात्र कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसमें विकास खंड जखोली के अंतर्गत सिद्धपीठ मठियाणा देवी मंदिर, विकास खंड अगस्त्यमुनि के हरियाली देवी मंदिर, विकास खंड ऊखीमठ के सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर व मुख्यालय के संगम घाट में अवस्थित चामुंडा देवी मंदिर में नवरात्र कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

कार्यक्रम की सफलता के लिए जनपद स्तर पर जिला विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास, परियोजना निदेशक डीआरडीए, जिला युवा कल्याण अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है। इसी तरह विकास खंड स्तर पर संबंधित उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है जिसमें खंड विकास अधिकारी, क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी, परियोजना अधिकारी बाल विकास, संबंधित क्षेत्र के सामाजिक व धार्मिक क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों को समिति में शामिल किया गया है।

इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी ने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी विभागीय अधिकारियों को उनसे संबंधित तैयारियां एवं व्यवस्थाएं पूर्ण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

इस अवसर पर अपर जिला अधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, परियोजना निदेशक केके पंत, उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग अपर्णा ढौंडियाल, तहसीलदार ऊखीमठ दीवान सिंह राणा, जिला कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. अखिलेश मिश्र, जिला पंचायत राज अधिकारी प्रेम सिंह रावत, बाल विकास अधिकारी शैली प्रजापति, हिमांशु बडोला, युवा कल्याण अधिकारी वरद जोशी कोटेश्वर महंत श्रीश्री शिवानंद गिरी महाराज, प्राचार्य संस्कृत महाविद्यालय डाॅ. भानू प्रकाश देवली, राजीव सिंह घरिया आदि उपस्थित थे।