उतराखंड समेत देश के तमाम राज्यों में कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के सबसे अधिक संक्रमित होने को लेकर सरकार, शासन और स्वास्थ विभाग की ओर से तैयारियां जोरों पर हैं। बच्चों की उम्र के हिसाब से ही उन्हें नियोंनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट और पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट में इलाज किया जाएगा।दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की टीम संबंधित विभागों की मदद से जिले में बच्चों की संख्या का आंकड़ा जुटाने में भी जुट गई है। साथ ही इस बात का आंकलन किया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में दून के सरकारी और निजी अस्पतालों में कितने बच्चे इलाज कराने के लिए आ सकते हैं। उसी हिसाब से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित कमेटी के नोडल अधिकारी डॉक्टर दिनेश चौहान ने बताया कि फिलहाल जीरो से लेकर एक माह, एक माह से दो साल और दो साल से 18 साल तक की उम्र के बच्चों को तीन अलग श्रेणियों में बांटा गया है।
बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए सभी सरकारी अस्पतालों में नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट और पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट में उपलब्ध बेड की संख्या का भी आंकड़ा जुटा लिया गया है। फिलहाल सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में ऐसे पेट की संख्या 326 है। प्रयास है कि बेड की संख्या को बढ़ाकर जल्द से जल्द 500 किया जाए। इतना ही नहीं बहुत छोटे कोरोना संक्रमित बच्चे के साथ उनके माता-पिता भी रह सके इस संबंध में भी तमाम पहलुओं पर भी विचार विमर्श किया जा रहाविभागीय अधिकारियों ने बालरोग विशेषज्ञों का ब्यौरा जुटाने के साथ ही पैरामेडिकल, स्टाफनर्स और अस्पतालों में उपलब्ध नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट और पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट के बारे में भी तमाम जानकारियां जुटाई हैं