कोरोना संक्रमित मां की जान बचाने के लिए एक युवक बेहतरीन जुगाड़ के दम कर उन्हें इलाज के लिए करीब 70 किमी. दूर जोधपुर तक ले आया

जोधपुर – कोरोना संक्रमण का सामना कर रहे गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन बेहद जरूरी है। दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों को न तो समय पर ऑक्सीजन मिल पाती है और न ही शहर तक के लिए एम्बुलेंस। जोधपुर जिले के ओसियां क्षेत्र के तापू गांव में कोरोना संक्रमित मां की जान बचाने के लिए एक युवक बेहतरीन जुगाड़ के दम कर उन्हें इलाज के लिए करीब 70 किमी. दूर जोधपुर तक ले आया। युवक अपने इस प्रयास से मां को मौत के मुंह से खींच कर लाने में कामयाब रहा।

जोधपुर में ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब कोरोना तेजी से बढ़ने लगा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव के चलते मरीजों को जोधपुर लाया जा रहा है। लेकिन ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी समस्या एम्बुलेंस की है। ग्रामीण क्षेत्रों में एम्बुलेंस आसानी से उपलब्ध नहीं होती। ऐसे में जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत के साथ जोधपुर पहुंचाना हो तो वे यहां तक कैसे पहुंचे।

ओसियां तहसील के तापू गांव से एक कोविड मरीज को जोधपुर लाना था। लेकिन समस्या वही, एम्बुलेंस नहीं मिली। बुद्धाराम विश्नोई ने मां को बचाने के लिए अपना दिमाग लगाया और ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ उन्हें जोधपुर ले आया। मां की तबीयत गड़बड़ाने पर वह अपने बहनोई के यहां से ऑक्सीजन जनरेटर भी ले आया। लेकिन इसके बावजूद मां की तबीयत में सुधार नहीं हुआ।

बगैर बिजली ऑक्सीजन जनरेटर काम नहीं करता और रास्ता भी काफी लंबा था। ऐसे में उसने अपने मिलने वाले से एक जनरेटर की व्यवस्था की। एक पिकअप में आगे मां को बैठाया। पीछे ऑक्सीजन जनरेटर रख दिया। पिकअप के पीछे बिजली की आपूर्ति के लिए जनरेटर जोड़ दिया। इससे मां को पूरे रास्ते ऑक्सीजन मिलती रही और वे महात्मा गांधी अस्पताल पहुंच गए।

हालांकि महात्मा गांधी अस्पताल में मां को भर्ती कराने के लिए युवक को काफी मशक्कत करनी पड़ी। करीब तीन घंटे के प्रयास के बाद वह अपनी मां को भर्ती करवाने में सफल रहा। इस दौरान अस्पताल परिसर में मां को ऑक्सीजन देने के लिए उसने जनरेटर को चालू रखा। उसकी मां की तबीयत में अब सुधार हो रहा है।

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