सीबीआइ ने बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व वाले सात बैंकों के समूह से 1285 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज में धोखाधड़ी के आरोप में गोल्डन जुबली होटल्स के निदेशक अर्जुन सिंह ओबेराय, होटल समूह के सीईओ और प्रबंध निदेशक लक्ष्मी नारायण शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में हैदराबाद में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की है।
सीबीआइ के अफसरों ने गुरुवार को बताया कि ओबेराय ईआइएच लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी हैं, जो ओबेराय, ट्रिडेंट और मेडिन्स होटल समूहों के भी प्रबंध निदेशक हैं। ओबेराय और लक्ष्मी नारायण शर्मा के अलावा भी सीबीआइ ने नेहा गंभीर और यशदीप शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसमें भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम के प्रविधानों के अलावा आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी भी शामिल है।
सीबीआइ के मुताबिक आरोप है कि वर्ष 2009-15 के बीच 728 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज और बैंक गारंटी गोल्डन जुबली होटल्स ने लिया था। बैंकों के इस समूह में कारपोरेशन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब व सिंध बैंक, जम्मू और कश्मीर बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र भी शामिल हैं। जब होटल समूह कर्ज चुकाने की अवधि तक रकम नहीं लौटा पाई तो बैंक समूहों ने अर्नस्ट एंड यंग से फॉरेंसिक ऑडिट कराया। इसके बाद बैंक समूह के इस खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया गया। बैंक ने इसके बाद अपनी शिकायत में कहा कि कर्ज मांगने वाली कंपनी और उसके प्रमोटरों ने कुछ अज्ञात लोगों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और गलत तरीके अपनाकर बैंक ऑफ बड़ौदा समूह के बैंकों को 1285.45 करोड़ रुपये का चूना लगाया। इसके अलावा, इस धनराशि पर 30 सितंबर, 2020 से कोई ब्याज भी नहीं लगा है।