असामान्य बीमारियों के लिए नीति के संबंध में सरकार की नई मसौदा रिपोर्ट में वैकल्पिक कोष बनाने और एक बार उपचार कराने वाले जरूरतमंद रोगियों के लिए सहायता 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है। असामान्य बीमारियों के लिए नीति की नई मसौदा रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय ने 31 मार्च को जारी की। इसमें उपचार की प्रकृति के आधार पर असामान्य बीमारियों की तीन श्रेणियां चिह्नित की गई हैं।
इनमें एक बार के उपचार वाले रोग, लंबे समय तक और अपेक्षाकृत कम उपचार लागत वाली बीमारियां और साथ ही ऐसे रोग शामिल हैं, जिनका उपचार तो उपलब्ध है, लेकिन अत्यधिक खर्च और लंबे समय तक उपचार के कारण रोगियों के चयन को लेकर चुनौतियां होती हैं।
असामान्य बीमारियों से जूझ रहे हैं 10 करोड़ लोग
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में तकरीबन पांच करोड़ से 10 करोड़ लोग असामान्य बीमारियों या व्याधियों से ग्रस्त हैं और इनमें करीब 80 फीसदी रोगी बच्चे हैं। इनमें से अधिकतर बच्चे तो इन जानलेवा बीमारियों के कारण अत्यधिक मृत्यु दर की वजह से वयस्क अवस्था तक नहीं पहुंच पाते।