फसलों का उत्पादन बढ़ाना है तो इसके लिए खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाना आवश्यक है। इस लिहाज से देखें तो उत्तराखंड की तस्वीर बहुत बेहतर नहीं कही जा सकती। राज्य के 95 विकासखंडों में से 71 में खेती इंद्रदेव की कृपा पर है। यानी वक्त पर बारिश हो गई तो ठीक, अन्यथा बिना पानी सब सून। सिंचाई सुविधा का आलम ये है कि पर्वतीय भूभाग में केवल 45 हजार हेक्टेयर में ही सिंचाई की सुविधा अब तक उपलब्ध हो पाई है। इस सबको देखते हुए अब केंद्र और राज्य सरकार, दोनों ने सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने पर फोकस किया है, ताकि फसलोत्पादन में बढ़ोतरी होने से किसानों की आय दोगुना हो सके। इस दिशा में प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं। कोशिशें रंग लाईं तो निकट भविष्य में राज्य के 8.82 लाख किसानों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।