हल्द्वानी: पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकतर पुल और पुलिया अंग्रेजों के जमाने के हैं। बहुत से ऐसे पुल और पुलिया हैं, जो जर्जर हो चुके हैं या ट्रैफिक दबाव के अनुसार भार सहने की क्षमता नहीं है और उनकी चैड़ाई भी काफी कम है। जिसके चलते अक्सर पहाड़ की सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में अब लोक निर्माण विभाग इन पुलों को पुनर्निर्माण की कार्रवाई करने जा रहा है। जिसमें पुलों की लंबाई और चैड़ाई बढ़ाई जाएगी।

मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग गिरीश चंद्र आर्य ने बताया कि शासन के निर्देश के बाद कुमाऊं मंडल अंतर्गत नैनीताल और उधम सिंह नगर जनपद के छोटे बड़े पुल और पुलियाओं का पुनर्निर्माण होना है। जिसके तहत नैनीताल जनपद में बताया कि शासन के निर्देश पर नैनीताल जिले में 19 और उधमसिंह नगर में 17 छोटे बड़े पुल और पुलिया हैं, जिनका पुनर्निर्माण होना है। उन्होंने बताया कि ये सभी पुल बी लोडिंग क्लास के हैं जिनका पुनर्निर्माण होने के बाद अब ए लोडिंग क्लास में परिवर्तन किया जाएगा। यह सभी पुल वषों पुराने हैं, जिसमें कई पुल ऐसे हैं जो ब्रिटिश कालीन है। सड़कों पर लगातार यातायात का दबाव बढ़ रहा है।

ऐसे में इन पुलों की पर भार सहने की क्षमता के साथ-साथ इसकी चैड़ाई भी कम है। जिसके चलते अक्सर सड़कों पर जाम की स्थिति बन जाती है। पुलों की चैड़ाई बढ़ जाने से सड़कों पर लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिलेगा।नैनीताल जिले में ज्यादातर पुल पुलिया लोहे की बनी हुई हैं, जबकि उधम सिंह नगर में सीमेंट पुल पुलिया हैं, जिनका पुनर्निर्माण होना है। इन सभी पुलों का निर्माण वर्ल्ड बैंक से मिलने वाले बजट से होना है।

बताया जा रहा है कि नैनीताल जिले की रामनगर-भडारपानी पुल की लंबाई 95 मीटर होगी। जबकि उधम सिंह नगर के सितारगंज हल्द्वानी चोरगलिया मार्ग पर 120 मीटर की पुल बनी है। जो जिले में सबसे लंबी हैं। मुख्य अभियंता ने बताया कि पहले चरण में पुलों का सर्वे, डीपीआर और डिजाइन बनाया जाएगा।शासन से बजट मिलते ही प्रथम चरण का काम शुरू कर दिया जाएगा।