देहरादून, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खाना ऑर्डर करना अब सिर्फ देश के मेट्रो शहरों में रह रहे लोगों का शौक नहीं रह गया है घर बैठे अपने पसंदीदा रेस्टोरेंट से अपनी पसंदीदा डिश मंगाकर आनंद लेने का यह ट्रेंड छोटे कस्बों में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसी के साथ टियर 2 और टियर 3 शहरों में छोटे और बड़े सभी रेस्टोरेंट के पास अब अनूठी सर्विस देते हुए अपने कारोबार को विस्तार देने और ग्राहक बढ़ाने का नया अवसर है उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हांडी पंजाब की भी ऐसा ही एक रेस्टोरेंट है जब विजय गुलिया महामारी के ठीक पहले इस शहर में अपनी पत्नी के मायके में आए थे तब उन्हें पंजाबी खानों के स्वाद की बहुत याद आई थी इसलिए 2021 में लगे दूसरे लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपना क्लाउड किचन बनाया और उसी साल अप्रैल में स्विगी से जुड़ गए। हांडी पंजाब की के मालिक विजय याद करते हुए कहते हैं महामारी के दौरान नया काम शुरू करने पर आने वाली चुनौतियों को लेकर मैं तैयार था। लेकिन मुझे विश्वास था कि क्लाउड किचन जरूर काम करेगा क्योंकि उस समय डाइन-इन पूरी तरह बंद हो गया था प्लेटफॉर्म पर मिलने वाले प्रमोशन एवं डिस्काउंट के साथ स्विगी का सहयोग तथा अपने मेन्यू कीमत और खाने को ज्यादा से ज्यादा आकर्षक बनाने की हमारी कोशिश बहुत फायदेमंद रही स्विगी ने हमें स्वाद के दीवानों के सामने आने का मौका दिया क्योंकि हम न केवल एक छोटे से कस्बे में नया रेस्टोरेंट थे बल्कि हम एक क्लाउड किचन चला रहे थे।
महामारी के दौरान शहर के सबसे बड़े मॉल में आयोजित फूड फेस्टिवल में हिस्सा लेने से लोगों के सामने हमारी मौजूदगी को और बढ़ाने में मदद मिली। स्विगी के साथ पार्टनरशिप ने हांडी पंजाब की को अपना ग्राहक आधार बढ़ाने में मदद की क्योंकि रेस्टोरेंट का डिलीवरी रेडियस 6 से बढ़कर 12 किलोमीटर हो गया है। अपनी शुरुआत की तुलना में आज रेस्टोरेंट 10 गुना ज्यादा कारोबार कर रहा है। अपने क्लाउड किचन की शानदार सफलता के बाद विजय बस यहीं नहीं रुकना चाहते हैं। स्विगी की मदद से मिली इस सफलता से प्रोत्साहित होकर वह अब देहरादून में और भी क्लाउड किचन खोलना चाहते हैं, साथ ही रुड़की एवं हरिद्वार में भी विस्तार की तैयारी कर रहे हैं। स्विगी के साथ अभी देहरादून में 1,400 से ज्यादा एक्टिव रेस्टोरेंट पार्टनर्स जुड़े हैं। प्लेटफॉर्म के साथ इस मूल्यवान साझेदारी से शहर में कई छोटे रेस्टोरेंट को अपने कंफर्ट जोन से बाहर आने, रिस्क लेने और अपने कारोबार को बढ़ाने का मौका मिला है। ‘हांडी पंजाब की’ भी ऐसा ही एक उदाहरण है।