देहरादून, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने रक्षा मंत्री को अवगत कराया कि देहरादून के परगना पछवादून के अर्न्तगत ग्राम कोल्हूपानी में सेना के उपयोग हेतु निःशुल्क कुल 5.00 एकड़ भूमि रक्षा विभाग, भारत सरकार को सर्वाधिकार सहित आवंटित की जा चुकी है। इसके उपरांत ए0एम0ई0ओ0, रक्षा विभाग, मेरठ ने पत्र संख्या 7807 दिनॉक 19 जनवरी 2015 की मांग कि नवीन एवं संशोधित शासनादेश जारी किया जाए। शासन द्वारा 02 दिसम्बर 2016 को संशोधित शासनादेश जारी किये जाने के बाद भी सेना द्वारा मिठ्ठी बेहड़ी के स्थानीय निवासियों को भवनों के निर्माण, मरम्मत इत्यादि कार्य नहीं करने दिये जा रहे हैं। जिससे स्थानीय जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इसी प्रकार विकासखण्ड सहसपुर के अन्तर्गत विलासपुर कांडली पेयजल योजना वर्तमान समय में निर्माणाधीन है, उक्त योजना से विलासपुर कांडली के सैन्य क्षेत्र में भी जलापूर्ति की जानी है उक्त योजना के निर्माण हेतु रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने में भी अनावश्यक देरी होने से ग्रामीणों व क्षेत्र वासियों को पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। इस पर रक्षा मंत्री द्वारा तत्काल इन प्रकरणों पर संबंधितों को निर्देषित कर जल्द समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों को रूकना नहीं चाहिए।
गोरखा मिलिट्री कॉलेज के बहाने देशभर के ऐसे सभी प्रकरणों को मिलने वाला है लाभ – कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जब गोरखा इण्टरमीडिएट कॉलेज, देहरादून कैंट की लीज पुनः 90 वर्षों के लिए निर्गत किये जाने हेतु रक्षा मंत्री के समक्ष अनुरोध किया तो रक्षा सम्पदा विभाग की ओर से उन्हें बताया गया कि भारत सरकार द्वारा पुनः पट्टा सृजन के पश्चात् जो भी दर निर्धारित की जाऐगी। पुनः पट्टा सृजन की यह प्रक्रिया देशभर में फैली ऐसी समस्त संपदाओं के लिए प्रारम्भ की जा चुकी है।
विदित हो कि विद्यालय को सर्वे नम्बर-142 की बी-3 वर्ग की 03.542 एकड़ भूमि जो 01 अप्रैल 1927 से प्रति 30 वर्श बाद नवीनीकरण के पश्चात् 90 वर्षो हेतु सिड्यूल पर रक्षा सम्पदा और विद्यालय आथोरिटी के मध्य लीज अनुबन्ध द्वारा अनुमोदित की गई थी, जिसकी अवधि 31 मार्च 2017 को समाप्त हो गई थी। रक्षा सम्पदा अधिकारी मेरठ को वर्ष 2017 में प्रेषित पत्र में लीज बढ़ाने का अनुरोध किया गया, जिसके बाद दिसम्बर 2018 तक लीज बढ़ायी गयी किन्तु लगभग दो वर्ष के लिए बढ़ाई गयी। इस विद्यालय के कई होनहार छात्रों ने देश के भीतर एवं सीमाओं की रक्षा करते समय पर अपनी वीरता का लोहा मनवाकर राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है।