देहरादून, सहसपुर ब्लॉक के जगतपुर गांव में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र देहरादून की ओर से शनिवार को दो दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत की गई। पहले दिन किसानों को फसलों में रसायनों के छिड़काव की जानकारी दी गई।
प्रबंधन केंद्र के प्रभारी केके तिवारी ने बताया कि फसलों में रसायनों का अत्यधिक मात्रा में छिड़काव करने से उसके अवशेष अनाज और सब्जियों में रह जाते हैं। इसके सेवन से शरीर में कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का खतरा पैदा हो जाता है। रसायन पर्यावरण को दूषित करने के साथ ही फसलों के लिए उपयोगी कीटों को भी नष्ट कर देते हैं। पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने और रसायन मुक्त उत्पादन के लिए उन्होंने किसानों को आईपीएम विधि अपनाने की सलाह दी। सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी रामेश्वर तेलंग्रे ने किसानों को धान में लगने वाले प्रमुख रोग और उनके लक्षणों की जानकारी दी। नितिन कुमार जैविक नियंत्रण और दिव्या भट्ट ने यांत्रिक नियंत्रण की जानकारी मुहैया कराई। इस दौरान मनोज कुमार, ग्राम प्रधान पूर्णिमा नेगी, अतुल पंवार, विनीत नेगी, यशपाल राणा, विरेंद्र रावत, पूनम सेमवाल, राजेश्वरी देवी, माया राम भट्ट आदि मौजूद रहे।