‘आईआईटी मद्रास चैलेंज’ पराली जलाने जैसे पर्यावरण संकट के समाधान देने में इनोवेटरों को मदद देगा

देहरादून, उत्तर भारत में पराली जलाने जैसे पर्यावरण संकट के समाधान विकसित करने के दृष्टिकोण से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास का कार्बन जीरो चौलेंज 2022 (सीजैडसी 2022 संस्थान के छात्रों शोधकर्ताओं इनोवेटरों और उद्यमियों सभी के लिए अभूतपूर्व अवसर है। प्रतियोगिता का मकसद शिक्षा और अनुसंधान प्रयोगशालाओं में जहां प्रौद्योगिकी का विकास होता है सस्टेनेबलिटी और उद्यमी सोच को बढ़ावा देना है।
ऊर्जा जल कचरा निपटान मिट्टी और हवा की गुणवत्ता आदि क्षेत्रों में कार्य करने के लिए आवेदक टीमों के पास पर्यावरण संरक्षण संसाधन संरक्षण सस्टेनेबलिटी के जांचे-परखे आइडिया का होना अनिवार्य है।
सीजैडसी 2022 के तहत प्रोटोटाइप तैयार करने के लिए सर्वाेपरि 25 टीमों को 5 लाख रुपये तक और 5 टीमों को 10 लाख रुपये तक का स्टार्टअप अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा सर्वाेपरि टीमों को उद्यमिता प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक सलाह सस्टेनेबलिटी और ईएसजी (पर्यावरण सामाजिक और प्रशासन मैट्रिक्स में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रतियोगिता के लिए आवेदन 30 अक्टूबर 2022 तक कर सकते हैं। अधिक जानकारी वेबसाइट पर आयोजक से प्राप्त कर सकते हैं। सीजैडसी 2022 चौलेंज से कई अवसर सामने आए हैं जिनके बारे में प्रिंसिपल कार्डिनेटर प्रो इंदुमति एम नांबी फैकल्टी सिविल इंजीनियरिंग विभाग आईआईटी मद्रास विभाग ने कहा हमारे देश की सबसे बड़ी चुनौतियांे में शामिल हैं 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य पूरा करना अपशिष्ट से सामग्री और ऊर्जा निकालने का सर्कुलर समाधान सस्टेनबल पर्यावरण हवा मिट्टी और जल संसाधन प्रदूषण की रोकथाम और निदान करना। सीजैडसी 2022 स्वदेशी नवाचारों के बल पर इन बड़ी चुनौतियों का हल देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।” सीजेडसी 2022 का थीम ‘सर्कुलरिटी इन रिसोर्सेज़ कंजर्वेशन’ है और यह हवा जल मिट्टी मटीरियल्स और ऊर्जा जैसे संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण में सर्कुलरिटी और सस्टेनेबलिटी का समावेश करते हुए इनोवेटिव सॉल्यूशन को बढ़ावा देगा।

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