सेवा में कर रहे एक दम्पती के यहाँ बेटी पैदा हुयी तो ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। आज के समय में लोग इतना तो बेटा होने पर भी ख़ुशी नहीं मनाते जितना बेटी के लिए मनाई गई

सेवा में कर रहे एक दम्पती के यहाँ बेटी पैदा हुयी तो ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। आज के समय में लोग इतना तो बेटा होने पर भी ख़ुशी नहीं मनाते जितना बेटी के लिए मनाई गई।
दून अनिमल वेल्फ़ेर संस्था के संस्थापक आशु अरोड़ा और मिल्ली कौर के घर खुशियों ने दस्तक दी है । उनके घर एक नन्ही परी ने जन्म लिया है। दम्पती की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। पाँच दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद जैसा ही बेटी को घर लेकर आया गया तो पूरी धूम धाम के साथ उन्होंने बेटी का गृहप्रवेश करा के स्वागत किया।
बच्ची के माता पिता से जब हमने पूछा की आप एक कन्या के होने पर इतना ख़ुश तो माता पिता ने कहा की बच्ची पहले बेटी है फिर पापा की राजकुमारी है फिर एक बहन है फिर एक माँ है फिर एक मासी है बुआ है और सास है और रिश्ते को अच्छे से निभाती है घर की लक्ष्मी है । बच्ची की माँ पिता नाना नानी के साथ साथ कन्या की दादी दादा बुआ मौसी सभी बहुत खुश

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